देसी सेक्स X कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं बस की रात की लम्बी यात्रा के दौरान एक सहयात्री के लंड से चुद गयी. मैं सबसे पिछली सीट पर थी और सोने की कोशिश में थी.
हाय दोस्तो, मेरा नाम सोफिया है, ये नाम बदला हुआ है. मैं मुंबई में रहती हूँ.
अभी मेरी उम्र 32 साल है. मेरी फिगर 34-32-36 की है. हाइट 5 फुट 2 इंच है.
मैं दिखने में एकदम गोरी हूँ.
मुझे कोई भी एक नजर देखकर एकदम पागल हो जाएगा.
मैं यहां रोज नयी नयी कहानी पढ़ती हूँ तो मैंने सोचा कि आज मैं भी आप लोगों के लिए अपनी घटना को लिख देती हूँ.
यह देसी सेक्स X कहानी तकरीबन 6 साल पहले की है, जब मैं 26 साल की थी.
तब मेरी शादी हुए दो महीने ही हुई थे.
दरअसल हुआ यूं कि उस दिन मेरी नानी की मृत्यु हो गई थी तो मुझे मेरे गांव जाना पड़ा.
मेरे पति काम में बिज़ी थे, उस वजह से वो नहीं आ पाए थे.
मैं अकेली ही चली गयी थी.
मुझे मुंबई से गुजरात का सफर करना था. जाने में तो मैं किसी तरह से पहुंच गयी.
जब मुंबई के लिए वापस निकली, तब ये चुदाई बस में हुई थी.
गुजरात से मुंबई जाने के लिए मैं बस का टिकट बुक करने गयी तो सारी सीट फुल हो चुकी थीं.
बस एक लास्ट वाली सीट खाली थी. ये दो जन के बैठने की सीट थी.
बुकिंग ऑफिस में मुझसे बोला गया कि कोई यात्री मिलेगा, तो आपके साथ इस सीट पर बैठेगा.
मैं बोली- ठीक है.
मेरे पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था.
फिर मैं टाइम पर बस स्टॉप पर आ गयी.
जब बस आई तो मैं अपनी सीट पर गयी.
उस वक्त तक कोई दूसरा आदमी सीट पर नहीं था.
जो लोग गुजरात बस में यात्रा करते हैं, उनको पता होगा कि ये लग्जरी बस होती है.
एक तरफ डबल सोफे की सीट होती है और एक तरफ सिंगल होती है.
मेरी सीट डबल वाली सीट थी और ये सबसे लास्ट में थी. मैं सीट पर जाकर बैठ गयी.
बस चल पड़ी. मैं कुछ देर तक अपने सहयात्री के आने का इन्तजार करती रही.
जब काफी देर तक कोई नहीं आया तो मैं बोर होने लगी.
मैंने अपने पति को फोन लगाया और उनसे बात करने लगी.
चूंकि मेरी नई नई शादी हुई थी तो पति से दूरी सही नहीं जा रही थी.
मैं अपने पति से कुछ हंसी मजाक की बातें करने लगीं.
पहले तो मेरे पति ने मुझसे कुछ गंभीर बातें की क्योंकि मैं नानी की मृत्यु पर गई थी तो मेरे पति को लगा कि शायद उन्हें मेरे साथ सेक्सी बातें नहीं करना चाहिए.
फिर जब मैंने ही चुहलबाजी शुरू कर दी तो वो एकदम से खुलने लगे.
हमारे बीच जल्द ही सेक्स की बातें चलने लगीं.
पति ने मुझे फोन पर ही चोदना शुरू कर दिया था, मेरी चूत में चुनचुनी होने लगी.
मैं अपने पति से करीब आधा घंटा तक सेक्स चैट करती रही.
इसका नतीजा ये निकला कि मेरी पैंटी गीली हो गई.
फिर फोन काट कर मैं अपनी चूत रगड़ने लगी.
अब तक अहमदाबाद तक पहुंच गई थी. मेरी सीट पर कोई नहीं आया था. मुझे लगा कि अब मेरी सीट पर कोई नहीं आएगा.
मैं पसर कर बैठ गई.
उस समय रात के करीब 9 बज चुके थे.
जब एक्सप्रेस-वे से पहले एक छोटे से रेस्टोरेंट पर बस रुकी तो वहां से एक यात्री बस में आया.
ड्राइवर ने उसको मेरी सीट पर भेज दिया.
वो आदमी लगभग 34-35 की उम्र का था.
मैंने उसे देखा, वो नाइट ट्रैक और टी-शर्ट पहने हुआ था.
वो मेरी सीट पर आकर मेरे पास में बैठ गया.
मैं विंडो वाली सीट पर थी.
जब बस एक्सप्रेस-वे पर आ गई तब गाड़ी की लाइट्स बंद हो गईं.
मैं विंडो की तरफ मुँह करके सोने लगी.
मुझे कब नींद आई, कुछ पता ही नहीं चला.
मैं सलवार कमीज़ पहने हुई थी और गहरी नींद में थी.
उस आदमी ने पहले क्या किया, इसका मुझे कुछ याद नहीं, लेकिन पीछे से उसके टच करने से मेरी नींद खुल गयी.
मैं ऐसे ही लेटी रही.
वो धीरे धीरे मेरी गांड पर लंड दबाते हुए आगे पीछे कर रहा था.
मुझ पर उस समय वासना हावी हो गई थी और मैं कुछ बोल नहीं रही थी.
वो भी पीछे से मेरी गांड पर लंड दबा कर मज़ा ले रहा था.
कुछ देर बाद उसने एक हाथ मेरी कमर पर रख दिया और धीरे धीरे मेरी कमर को सहलाने लगा.
मुझे भी मज़ा आने लगा था. मुझे उस समय अपने पति के साथ हुयी सेक्स चैट याद आ रही थी और ऐसा लग रहा था मानो मेरे पति ही मेरे साथ सेक्स कर रहे हों.
फिर उसने धीरे से अपने एक हाथ को मेरे बूब पर रख दिया.
मैं उसके हाथ को महसूस करने लगी.
उसने धीरे से किसी हॉर्न के जैसे मेरे दूध दबा दिया.
आह … मुझे बेहद सनसनी सी हुई.
मेरी सिहरन को महसूस करके वो पूरी हथेली से मेरे दूध को दबाने लगा.
मैंने भी कुछ नहीं कहा और उसके हाथ से अपने चूचे मिंजवाने का मजा लेने लगी.
अब वो मस्ती से मेरे दोनों मम्मों को दबाने लगा.
मैंने भी हल्के हल्के से अपनी गांड हिला कर उसके लंड को छेड़ना शुरू कर दिया.
उसने भी थोड़ा हिलते हुए अपने लंड से मेरी गांड को कुरेदा और दूसरे हाथ से अपना लंड, नाइट ट्रैक से बाहर निकाल लिया.
जितनी देर उसे लंड निकालने में लगी. उतनी देर में मेरी बेचैनी बढ़ गई.
अगले ही पल मेरी गांड में वो अपना लंड दबाते हुए घुसाने लगा.
उसका मोटा लंड मेरी गांड से चिपकी हुई मेरी झीने कपड़े की सलवार और पैंटी को महसूस होने लगा.
उसके लंड से प्री-कम निकलने लगा था, जिससे मुझे अपने नीचे नमी महसूस हुई.
लंड की गर्मी भी मेरी गर्मी से रगड़ कर मुझे वासना से सागर में डुबोए जा रही थी.
बस ऐसा लग रहा था कि किसी तरह से लंड मेरी चूत में घुस जाए.
मैं नींद का नाटक करती हुई ऐसे ही सोई रही.
वो धीरे धीरे खुल कर मज़ा लेने लगा.
शायद मेरे कुछ भी रिएक्ट न करने से उसकी हिम्मत लगातार बढ़ती जा रही थी.
तभी उसने मेरी कमीज़ के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने लगा.
मेरे टाइट चूचुक उसकी उंगलियों के बीच आकर मसले जाने लगे.
चूत में सख्त लंड की नमी अहसास और अब चूची की चौंचें मींजी जाने से मेरी आह न जाने किस तरह से, बस रुकी हुई थी.
फिर उसने मेरे मम्मों से अपना हाथ बाहर निकाला और मेरी सलवार को धीरे से नीचे करने लगा.
मैं एक ओर करवट करके सोई थी, इस वजह से सलवार नीचे फंस रही थी.
वो ऐसे ही मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही रगड़ने में लगा था जिससे मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
जल्द ही उसको भी मेरी चूत का गीलापन का पता लग गया था.
वो अब समझ चुका था कि मैं चुदने को राजी हूँ.
उसी समय मैंने हिलने के बहाने से उसको मौका दे दिया. अपनी सलवार को नीचे करने के लिए मैंने थोड़ा हिल कर गांड उठा दी.
जब मेरी सलवार फ्री हुई, तो उसको उसे बाहर निकालने में आसानी हो गई.
उसने हाथ से सलवार को खींचा, तो सलवार मेरी गांड से नीचे चली गयी.
अब उसके लंड के सामने मेरी गांड थी. हालांकि अभी भी पैंटी मेरी गांड चूत को ढके हुई थी.
मगर अब वो बिंदास हो गया था, उसने हाथ से मेरी गांड उठाई और पैंटी भी नीचे कर दी.
एकदम से मेरी नंगी गांड उसके निशाने पर आ गई थी.
वो लंड को मेरी गांड के छेद में रगड़ने लगा.
उफ्फ़ … उसका गर्म लंड मुझे अपनी गांड के बीच में महसूस होने लगा.
उसका लंड एकदम टाइट था.
उसने अपने पैरों की मदद से मेरी पूरी सलवार और पैंटी निकाल दी.
अब मैं नीचे से एकदम नंगी हो गयी थी.
उसने धीरे से मेरा एक पैर थोड़ा ऊपर उठाया, जिससे उसके लंड के लिए आसानी हो गई. मेरी चूत में लंड को जाने के लिए रास्ता बन गया था.
वो पीछे से मेरी चूत में लंड डालने लगा.
उफ्फ़ … मैं सोने का नाटक करती हुई मैं इस सबका मज़ा ले रही थी.
उसके लंड का सुपारा मेरी चूत की गीली फांकों को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
मैं एकदम से सिहर गई.
उसके लंड का सुपारा आंवला सरीखा था.
मेरे दांत भिंच गए मगर मैं उसका लंड चुपचाप लेती गई.
वो भी धीरे धीरे आगे पीछे करते हुए मेरी चूत में लंड अन्दर पेलने लगा.
अब तक उसने अपना आधा लंड मेरी चूत में घुसा दिया था.
मुझे अपनी चूत फटती सी महसूस हो रही थी. दर्द भी हो रहा था मगर मजा भी आ रहा था.
वो अपने आधे घुसे लंड को ही मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
मैंने भी अपनी टांग कुछ उठा दी, जिसे उसने सहारा देकर चूत कुछ और फैला ली.
जगह बनी, तो उसने लंड और अन्दर सरका दिया.
अब उसका लंड मेरी चूत में अन्दर तक धमाल मचाने लगा था.
अब वो लंड बाहर निकाल कर सीधा लेट गया और मुझे पकड़ कर उसने धीरे से सीधा लेटा दिया.
वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे दोनों पैर फैला कर मेरी चूत में लंड डालने लगा.
मैं आधी लेटी हुई थी और मेरे पैर खुले हुए उठे थे.
वो लंड पेल कर मुझे किस करने लगा; मैं भी उसको किस करने लगी.
उसको समझ आ गया था कि मैं जाग कर मजा ले रही हूँ.
जैसे ही इस बात का खुलासा हुआ तो वो एकदम से जानवर बन गया.
वो मुझे किस करते हुए चोदने लगा.
अब वो बिंदास अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा था.
कुछ झटकों के बाद वो मेरे ऊपर झुका और मुझसे बोला- कमीज़ निकाल दो.
मैंने चुदते हुए ही अपनी कमीज़ उतार दी. उसने मेरी ब्रा भी खींच कर निकाल दी और मुझे पूरी नंगी करके चोदने लगा.
वो मुझे चोदते हुए किस करने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा.
उफ्फ़ … मैं भी पागल हुई जा रही थी.
तकरीबन दस मिनट तक धकापेल चोदने के बाद उसने लंड बाहर निकाला और मेरी चूत के ऊपर ही लंड हिलाने लगा.
मैं समझ गई कि वो झड़ने को था.
उसने अपने लंड का पानी मेरे ऊपर ही गिरा दिया.
अब वो साइड में लेट कर मुझसे पूछने लगा.
वो- तुम्हारा नाम क्या है?
मैंने उसे अपना नाम बताया और उसने भी नाम बताया.
कुछ ही देर बाद हम दोनों एक बार फिर से लग गए.
उसने मेरे हाथ को उठा कर अपने लंड पर रखवा दिया.
तब मैंने जाना कि उसका लंड लगभग 7.5 इंच का रहा होगा.
मुंबई पहुंचने तक हम दोनों ने बस में ही और दो बार चुदाई की.
अब आगे क्या क्या हुआ, वो सब मैं अगली बार सेक्स कहानी में लिखूँगी और बताऊंगी.
आप लोग मुझे कमेंट्स करके बताना कि आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.
इससे आगे की स्टोरी लिखने में मेरी हिम्मत बढ़ेगी.
ये सब मैंने पहली बार लिखा है, इसलिए मैं कुछ संकोच करते हुए लिख पाई हूँ.
मुझे मेल या हैंगआउट में मैसेज करके जरूर बताएं कि यह देसी सेक्स X कहानी आपको कैसी लगी?
ये मेरी ईमेल आईडी है
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