मस्त चिकना माल था मेरी तो होली अच्छी रही, गे स्टोरी होली के दिन की

मस्त चिकना माल था मेरी तो होली अच्छी रही, गे स्टोरी होली के दिन की

ये कहानी पिछ्ले साल 2014 होली के दिन की है, मेरे दोस्त की नई नई शादी हुई थी वो होली खेलने के लिए अपना ससुराल जाने वाला था पर अचानक उसके मदर की तबीयत खराब होने के कारण वो नही जा पाया . मेरे दोस्त की वाइफ को होली मे अपने घर ना जा पाने के कारण वो अपने भाई को अपने पास ही बुला लिया था. मैने होलिका दहन के रात अपने दोस्त के घर गया था उसके मदर के हाल चाल लेने के लिए. अपने दोस्त के घर जब मई उसके मदर के रूम मे गया था देखा की वाहा एक बेहद स्मार्ट सा लड़का बैठा हुवा था. मई उस लड़के को पहले अपने दोस्त के घर मे नही देखा था. बात ही बात मे पता चला की ये मेरे दोस्त का शाला है . मैने उस लड़के को अपने वशना मे दुबई नयनो से जे-राय करना सुरू किया- करीब 19 साल का होगा गहुवा रंग, कुछ कुछ भरा हुवा जिस्म , हाइट करीब 5 फीट 8 इंच के करीब होगी कुल मिला कर मस्त माल था . वैसे भी सेयेल सब लड़के मुझे मस्त ही लगते है हा हा हा. पर ये तो सही मे ही मस्त माल था. खैर मैने उससे दोस्ती बदानी सुरू कर दी . और सच काहु तो खूबसूरत लड़को से दोस्ती करने मे तो मैने उसी दिन डिप्लोमा कर लिया था जिस दिन पहली बार मेरा लंड खड़ा हुवा था और उसे एक मस्त गंद की जरुआत पड़ी थी. नीर, कितना प्यारा नाम था उसका खाई कुछ ही देर मे मैने उसके दिलो दिमाग़ मे अपनी एक बेहद अच्छी च्चवि बना ली थाई. खैर मैने उसे शाम को अपने साथ अपने शहर के पार्क घूमने का वाडा कर के घर आ गया था. मेरा लंड महाराज भी जब से उसे देखा था उसे समझ मे आ गया था की एक दो दिन मे उसे नया डिश खाने को मिलने वाला है शाला ये लंड भी क्या किस्मत पे है माल फसाने मे दिमाग़ की मा बहन एक हो जाता है , मूह दर्द करने लगता है गोल गोल बाते कर कर के और हरामी जेब जो कुछ और हल्की होती जाती है सो अलग और मज़ा कॉयार मरता है ये शाला मोटा लंड . खैर शाम को मैने अपने बिके ले कर अपने दोस्त के घर गया और नीर को ले कर पार्क की तरफ निकल गया . हम लोग पूरी शाम बेहद मस्ती की उसे जो जो भी खाने की एच्छा हुई मैने खिलाई , पूरी शाम हम लोगो ने पार्क मे घुमा . नीर अब मुझसे बेहद खुल गया था . अब तो मैने उसके कंधे मे अपना हंत रख कर उसके साथ एक दूं दोस्त की तरह पूरे पार्क मे घूम रहा था और कभी कभी उसके अपने से पूरी तरह से सता लेता था . नीर मुझे ऐसे करने से रोक नही रहा था . मैने तो उसे कई बार बात ही बात मे कह दिया यार शाला तो आधा घर वाला होता है . जबाब मे वो हास कर रह जाता था. फिर हम लोग अपने दोस्त के घर आ गये थे. उसे मैने कहा था कल होली के दिन तुम मेरे घर मे ही आ जाना मेरे घर मे कोई नही है सब होली मे घर गये हुए है . सारा रात यारो मैने कैसे करवाते बदल बदल बदल कर कटी मई ही जनता हू. सुबह करीब 9 बजे के करीब मे नीर मेरे घर आया था . मैने उसे रंग लगाया तो बदले मे उसने भी मेरे को रंग लगाने लगा तो रंग लगाने मे ही मैने अचानक ज़ोर से उसके दूड को मसल दिया .उसने अचानक एस हरकत से चौक कर कहा आप भी जीजजीईईईईईई . मैने मान ही मान मे कहा बहनचो. अभी कहा मैने कुछ किया है दो ग्लास चाड़ने तो दो तब देखना शाला को घर वाला कैसे बनता हू.फिर हुमलोग टीन घंटे तक पूरे मुहल्ले हुहअल्ले होली खेलते रहे. कई घरो मे हमे पीने के लिए तोरा तोरा बेर, व्हीश्की और भंग और खाना एके लिए भंग का पूवा मिला . नीर पिया तो कुछ नही पर मैने उसे बहुत शरा भंग का पूवा शुवर उसे खिला दिया था. जब रंग से सराबोरे हो कर तक गये तो मैने नीर से कहा चलो अब घर चल कर खाते है घर मे मैने मीट और पुलाव है. कुछ ही देर मे हम लोग घर मे आ कर मीट और पुलाव खा लिया था .नशे के कारण हम दोनो की हालत बेहद खराब थी पर मेरे मान मे तो कुछ और घूम रहा था. मैने कहा नीर यार हम लोग रंग से पूरी तरह से तरबतर है है चलो बातरूम मे नहा लेते है. तो नीर ने कहा हा जीजजीीइई आअप टिक कह रहे है तो मैने लेकिन मैं नहा कर पहनूंगा क्या मैने यार एटने सारे मेरे कपारे है. नीर नशे मेरे सामने अपना सारा कपारा जो रंग और मिट्टी से पूरी तरह से सराबोरे था उत्तर दिया अब उसके बदन मे केवल जागिया ही बचा था. मैने उसके जिस्म को देखा शेल का बदन सचमुच मे बेहद ही संदर था मैने भी झट से अपना भीगा सारे कपारे उतार दिया सिवाए जागीए का. मुझे कपारे उतरता देख नीर ने कहा क्या जीजजीी क्या साथ मे नहाने का एरदा है . मैने कहा आबे शेल मुझे तो तुम्हे देख कर कुछ और भी एरदा हो रहा था . तब नीर ने हसते हुए कहा कहा जीजजीईईईईईईईईई आधा घरवाला तो हू ही मई पूरा घरवाला भी बना लीजिए कौन रोका है आप को और ये कहता हुवा वो बातरूम मे गुश कर पानी के झरने को पूरा खोल कर ुआके नीचे खड़ा हो गया. नीर का ये जबाब मेरे सारे जिस्म मे सनसनी सी फैला दी थी. शाला ये तो पूरा पहुचा हुवा चीज़ लगता है अच्छा है और मज़ा आएगा ये सोचता हुवा मई भी तुरंत ही बातरूम मे घुस कर उसे अपने बहो मे भर लिया. मुझे ऐसा करता देख वो भी अपने दोनो हंतो से मेरे बदन कर लिया . मैने देखा उसका लंड भी पूरी तरह से ताना हुवा था. और मेरा लंड इसका तो क्या कहना ही क्या शाला पूरा आइरन रोड की तरह कड़ा था. झट से मैने उसका और अपना जंघिया को उतार फेका . उससने मेरे खड़े मोटे लंड को देख कर कहा क्या क्या जीजजीीइईईई शांदा का तेल लगते है क्या जो लंड एट्ना मोटा और लंबा हो गया है. मैने बड़ा बेशर्मी से कहा तुम जैसे चिकान्य लड़को का गंद मे गुस गुस कर ये मोटा और लंबा हो गया है. नीर ने झट से ज़मीन मे बैठ कर एक ही बार मे मेरा पूरा लंड अपने मूह मे डाल लिया और लगा ज़ोर ज़ोर से चूसने. फिर तो शाम तक हुमलोग बातरूम मे ही रहे और एक दूसरे से गुटम गुतहा होते रहे . शेल की जिस्म मे बेहद गरमी थी . उसका गाड़ चोद चोद के मेरा तो पूरा लंड ही ज़ख्मी हो गया था . शाला ये तो पक्का गान्डू था . खूब गाड़ मारा साले को, मेरी तो होली काफ़ी अच्छी रही नही तो पता नही मेरा लंड पेंट मे हो वॉमिट कर देता या तो कही मुझे मूठ मारना पड़ता.

Categories Antarvasna

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