गतांग से आगे ….. पास में पड़े तेल की शीशी को उठा कर सामने आये और उसका ढक्कन खोलने लगे |फिर तेल की शीशी को रीता की चुत के छेद के ऊपर ले गए और कुछ बूंद तेल चुत के मुह पे टपकाया |चुत गीली होने की वजह से तेल नीचे की तरफ सरकने लगा तो भैया ने जल्दी से अपनी उंगली वहां लगा कर तेल को ऊपर की तरफ मल दिया , कुछ तेल रीता की चुत के अंदर भी चला गया |अब भैया तेल की शीशी को एक तरफ रखकर फिर से अपने काम में जुट गए , तेल की वजह से चुत में काफी फिसलन होने लगी थी ,अब भैया की उंगली अब आराम से रीता की चुत पे चल रही थी |
थोड़ी देर बाद भैया ने अपनी उंगली का दबाव रीता की चुत के छेद पे फिर से किया तो तेल की वजह से “गुप्प ” की आवाज के साथ उंगली का एक पोर चुत के अंदर चला गया |रीता को सायद इस बार दर्द नही हुआ और उसके मुह से बस “आह ” निकल गयी |भैया ने जब उंगली पे जोर लगाया तो उनकी उंगली चुत के छेद को चोडा करते हुए अंदर फिसलने लगी |धीरे-२ तेल की वजह से भैया की उंगली रीता की चुत के अंदर जाने लगी और बिना किसी दर्द के थोड़ी देर में जड़ तक समा गयी |रीता को अब मज़ा आने लगा था वो मज़े से बार-२ अपने बदन को हिला रही थी जैसे भैया का पूरा हाथ अंदर ले लेगी |
भैया , रीता की बेचैनी समझ रहे थे अब उन्होंने चुत में अपनी उंगली को आगे -पीछे करना चालू कर दिया था धीरे-२ रीता का मज़ा बढने लगा और उसके मुह से सिस्कारिया फूटने लगी , भैया ने सही मोका जानकर अपनी दूसरी उंगली भी चुत के छेद पे रखी और अंदर की तरफ दबा दिया | तेल और रीता के चुत के रस की वजह से अब जैल सा बन गया था जो काफी चिकना था ,दबाव पड़ते ही भैया की दूसरी उगली भी पहली के साथ चुत के अंदर समा गयी |रीता को कुछ खास दर्द तो नहीं हुए ,थोड़ी सिकन उसके चेहरे पे जरुर आ गयी थी |भैया ने पहले तो दोनों उंगलीयों को धीर-२ अंदर-बाहर किया ,और जब रीता की चुत भैया की उंगलियों की अभ्यस्त हो गयी तो गति थोड़ी तेज कर दी |
रीता की सिस्कारिया भैया की हरकतों की वजह से बढती ही जा रही थी, और रीता अपनी आखे बंद किये हुए होठो को अपने दातो से काटे जा रही थी | भैया के हाथो की गति अब काफी तेज हो गयी थी ,जिसकी वजह से रीता का पूरा शरीर हिलने लगा था |तभी अचानक भैया ने अपनी दोनों उगलिया रीता की चुत से निकाल ली |रीता को जैसे झटका सा लगा और वो आखे खोल कर आश्चर्य से भैया को देखने लगी | रीता के आनंद में खलल दाल कर भैया मुस्कुरा रहे थे |रीता ,भैया की तरफ ऐसे देख रही थी कि जैसे कह रही हो “निकाल क्यों लिया ,फिर से डालो ना “. भैया ,रीता की याचना भरी आखे देख कर उसके ऊपर आये और दोनों चुचियो को दबाते हुए , होठो को किस करने लगे|रीता भी अब भैया का खूब साथ दे रही थी|थोड़ी देर चुसाई के बाद भैया , रीता के ऊपर से उठे ,और पैरों की तरफ राखी तेल की शीशी को उठाकर कुछ बुँदे अपने लंड पे लगायी और ऊपर नीचे मालिश करने लगे | फिर रीता के ऊपर आ गए ,और रीता की ओर देख कर मुश्कुराए , रीता आगे होने वाली हरकत को सोच कर शर्मा गयी और दूसरी तरफ देखने लगी |भैया ने रीता से कहा: ” थोडा अपने हाथ से चुत को फैला ना , डालने में आसानी होगी “| भैया की बात सुनकर रीता ने अपने हाथो से अपनी चुत का मुह थोडा खोल दिया ,अब भैया को चुत का छोटा सा छेद दिखने लगा था |भैया ने पास में रखी तेल की शीशी उठाई और दो-तीन बूंदे , रीता की थोड़ी सी खुली हुई चुत के मुह पे ड़ाल दिया |तेल की बूंदे धीरे -२ अंदर की तरफ बह रही थी | भैया ने तेल को एक तरफ रखते हुए , एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा और दूसरा हाथ रीता के चूतड़ के नीचे ले जाते हुए थोडा सा ऊपर उठाया |
रीता की चुत अब पहले से ज्यादा खुली नजर आ रही थी और पानी बहाते हुए ,भैया के लंड को आमन्त्रित कर रही थी |भैया ने अपना खड़ा हुआ लंड रीता की चुत के छेद पे रखा तो रीता ने कसमसाते हुए अपनी चुत की फाको को थोडा और खोल कर भैया के लंड का स्वागत किया |भैया का लंड आगे की तरफ से तो पतला था और जड़ की तरफ मोटा होता गया था |भैया ने सही मोका जानकर अपने लंड को चुत के अंदर दबाया , लंड फिसलता हुआ करीब आधा इंच रीता की चुत में चला गया |रीता को सायद थोडा दर्द हुआ , तो वो अपनी आखे खोलकर अपनी चुत की तरफ सर उठा कर देखने लगी |भैया ने जब देखा कि रीता को कोई खास परेशानी नहीं हो रही है , तो रीता की कमर को पकडे हुए एक जोर दार धक्का मारा |भैया का लंड , रीता की चुत की दीवारों को चोडा करते हुए एक इंच घुस कर रुक गया | इस धक्के से जैसे रीता की जान ही निकल गयी, वो उठकर दर्द से चिल्लाने लगी ” आरे माई रे माई ………….बाप रे बाप ….अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .. मुझे बहुत दर्द हो रहा इसको बाहर निकालो .” | रीता दर्द से छटपटाने लगी और नीचे की तरफ सरक कर लंड को अपनी चुत से निकालने की कोशिश करने लगी |भैया ने जब देखा कि उनका लंड अब रीता की चुत से निकलने वाला है तो अपने दोनों मजबूत हाथो से रीता की कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खिचने लगे , जिससे उनका बाहर निकला लंड वापस रीता की चुत में जगह बनाते हुए समा गया |रीता की आख के कोने से दर्द की वजह से आँशु निकलने लगे |भैया को रीता की हालत देख कर तरस आया , उन्होंने रीता की पीठ पे हाथ रखते हुए उसे अपनी तरफ खीचा , रीता किसी बेजान लाश की तरह भैया के सीने से आ लगी |
भैया ने रीता के रशीले होठो पे अपने होठ गढ़ा दिए और चूसने लगे , इस बीच रीता की आखो के आसू धीरे-२ सूखने लगे थे | सायद उसका दर्द भी कम होने लगा था | अब हालत ये थी कि भैया का लंड अभी भी रीता की चुत में एक इंच से ज्यादा ही फसा था और रीता भैया की दोनों जाघे पे अपनी जाघे रखकर अपने होठो को चुसवा रही थी |भैया ने जब देखा कि रीता को दर्द नहीं हो रहा है , तो उन्होंने फिर से रीता को बिस्तर पे सुला दिया |रीता एकटक भैया को देखे जा रही थी ,और उनकी अगली हरकत का इंतज़ार कर रही थी |भैया ने लंड को फिर से अंदर करने की कोशिस की तो उन्हें लगा जैसे कोई चीज़ उनके लंड को रोक रही है | भैया समझ गए कि उनके लंड को रीता की चुत की झिल्ली ने रोक रखा है | रीता चुपचाप पड़ी हुए भैया को देखे जा रही थी |भैया ने रीता की चुत की झिल्ली को तोड़ने के इरादे से लंड को थोडा बाहर की तरफ निकाला , जिसे देखकर रीता को लगा कि भैया अब अपना लंड बाहर निकालने वाले है , उसे थोड़ी राहत मिली | पर भैया का इरादा तो कुछ और ही था ,भैया अपने लंड को चुत के मुहाने तक लाये और रीता की आखो में देखते हुए , एक जबरदस्त झटका अंदर की तरफ दिया | भैया का लंड रीता की झिल्ली को फाड़ते हुए अंदर की तरफ घुस गया |भैया की इस हरकत से रीता पे जैसे पहाड ही टूट पडा , वो दर्द से बिलबिला उठी , और ऊपर की तरफ उठते हुए चीखने ही वाली थी कि भैया ने अपना एक हाथ रीता के मुह पे मजबूती से रख दिया | रीता की चीख उसके मुह के अंदर ही दब के रह गयी , लेकिन भैया रीता की आखो से निकलने वाले आसू को नहीं रोक पाए | रीता की दोनों आखो से आसू छलक उठे | रीता का दर्द उसके चेहरे पे साफ दिख रहा था |
भैया ने अपने लंड को वही रहने दिया और प्यार से रीता के गालो को सहलाने लगे ओर बोले: ” बस मेरी जान , जो दर्द होना था हो गया , अब देखना कितना मज़ा आता है” भैया के चेहरे पे भी दर्द के भाव थे जो दर्शा रहे थे कि किस तरह रीताकी चुत ने उनके लंड को मजबूती से जकड रखा था |भैया को जब लगा कि रीता अब नहीं चीखने वाली तो उन्होंने रीता के मुह से अपना हाथ हटा लिया |हाथ के हटते ही रीता ने रोते हुए भैया से कहा :” इसे जल्दी से बहार निकालो नहीं तो मैं मर जाउंगी , मुझे बहुत दर्द हो रहा है “|भैया ने रीता की बात को अनसुना कर दिया और रीता के बदन से खेलते रहे ,| रीता ने दर्द की वजह से अपना हाथ अपनी चुत पे रखा तो उसे कुछ गीला और गरम सा चुत से बहता हुए मालूम पड़ा | उसने अपने हाथ को जब ऊपर उठा के देखा तो उसपे खून लगा था ,रीता घबरा गयी और भैयाको अपना हाथ दिखाते हुए बोली : “जय , ये खून कैसा है “. भैया ने जब देखा कि रीता की चुत से खून रीस रहा है तो बोले “मेरी रानी , ये तेरी चुत का खून है , अब तू कुवारी नहीं रही ,एक ओरत बन गयी है , ऐसा हर लड़की के साथ होता है , तू बिलकुल मत घबरा तुझे मैं कुछ नहीं होने दूँगा ” . रीता इस पर बोली :”तुमने मेरी फाड दी है मुझे मुझे बहुत दर्द हो रहा है : भैया ने प्यार से रीता के सर पे हाथ फेरते हुए कहा ” मैंने कहा ना ऐसा पहली बार हर लड़की के साथ होता है , अब देखना तुझे बिलकुल दर्द नहीं होगा , बहुत मज़ा पायेगी तू अब “. कहते हुए भैया ने अपने लंड को रीता की चुत में आगे-पीछे करने का प्रयास किया तो रीता को फिर से दर्द होने लगा , उसने भैया की कमर को पकड़ कर रुकने का इशारा किया | भैया रीता के चेहरे को पास लाते हुए उसके होठो पे अपने होठ रखकर चूसने लगे | थोड़ी देर के प्रयाश के बाद रीता की चुत की दीवारो ने पानी छोड दिया , जिसकी वजह से लंड को आगे -फिछे करने भैया को पहले से कम परेशानी हो रही थी |थोड़ी देर यु ही लंड को चुत में चलाने के बाद , जबभैया ने देखा कि रीता को भी मज़ा आने लगा है तो उन्होंने अपनी गति बढ़ा दी |
भैया ने अब रीता को बिस्तर पे सुला दिया था और अपने लंड को तेजी से आगे -पीछे करने लगे | रीता के चेहरे से दर्द बिलकुल गायब हो गया था और उसकी जगह मज़े ने ले ली थी | भैया ने अभी तक रीता की चुत में अपना पूरा लंड नहीं डाला था , जब भैया ने देखा कि रीता की मज़े से सिस्कारिया फूटने लगी है तो उन्होंने अपने लंड को एक जबरदस्त झटका दिया और अपने पुरे ७ इंच के लंड को रीता की छोटी सी चुत में जड़ तक पेल दिया | इस अचानक हुए हमले से रीता थोडा सकपका गयी ,और एक हल्के के दर्द की लहर रीता के चेहरे पे फैल गयी | भैया के आंड अब रीता की गांड के छेद पे दस्तक डे रहे थे | भैया ने प्यार से रीता को किस किया और फिर से अपना काम चालू कर दिया | थोड़ी देर में रीता के चेहरे से दर्द कि सिकन गायब हो गयी और वो चुत में पड़ रहे धक्को का मज़ा लेने लगी |भैया ने अपनी गति अब काफी तेज कर दी थी , और सटासट अपने लंड को रीता की चुत में पेल रहे थे | हर धक्के पे रीता के मुह से सिसकारी निकल पड़ती और उसक बदन थोडा आगे की तरफ हो जाता |भैया के चेहरे पे खुशी साफ झलक रही थी वो , अपनी पूरी ताकत से रीता की चुत को चोदे जा रहे थे |इसी बीच करीब ५ मिनट बाद ही रीता का शरीर अकडने लगा और उसने आखे बंद कर ली |
भैया ने थोड़ी देर धक्के लगाना बंद कर दिया , जब उन्हें लगा कि रीता का पानी छुट रहा है | रीता की चूत के पानी को अपने लंड पे महसूस करके भैया मज़े से कांप उठे |उन्होंने फिर से धक्के लगाना चालू कर दिया | रीता का स्खलन कुछ २ मिनट तक चला , जब उसने आखे खोली तो देखा भैया अभी भी धक्के लगा रहे है| रीता भैया को चोदते देख एक बार फिर नशे में डूब गयी और आखे बंद करके अपनी पहली चुदाई के मज़ा लेने लगी | रीता को चोदते हुए भैया को करीब १५ मिनट हो गए थे , भैया और रीता दोनों के शरीर पसीने से लथपथ थे | तभी भैया के चेहरे के भाव बदल गए , वो ऊपर सर करते हुए , कराह उठे | उनका लंड रीता की चूत में पूरी तरह समाया हुआ था , और उन्होंने धक्के लगाना बंद कर दिया था | अचानक उनके लंड ने रीता की चूत की गहराइयों में पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया ,भैया का शरीर झटके खा रहा था और लंड रीता की चूत में अपना माल छोड़े जा रहा था | भैया के गर्म वीर्य का एहसास जब रीता को अपनी चुत में हुआ तो वो फिर से एक बार झड गयी | दोनों प्रेमी कुछ देर युही झड़ने का मज़ा लेते रहे | भैया के लंड ने अपना सारा रस रीता की चुत में उड़ेल दिया और वो रीता के बदन पे लेट कर लंबी -२ सांसे लेने लगे |थोड़ी देर में रीता ने भी अपनी आखे खोली और अपने ऊपर लेटे भैया के बालो में उंगलिया डालकर सहलाने लगी | भैया ने प्यार से रीता की तरफ देखा और उसके रसीले होठो पे किस किया | दोनों के चेहरे पे संतुष्टी के भाव दिख रहे थे |भैया का लंड अभी भी रीता की चुत में ही था | भैया धीरे से उठ के बैठ गए और अपने सिकुड़े हुए लंड को रीता की चुत से बाहर खिचने लगे , भैया का लंड एक “पुक्क” की आवाज के साथ रीता की चुत से बाहर आ गया | रीता की चुत की सकल ही बदल गयी थी , जहा पहले एक छोटा सा छेद था अब वो काफी बड़ा लगने लगा था |रीता की चुत में सूजन आ गयी थी और उसकी घुंडी भी सूज गयी थी | रीता , भैया को अपनी चुत को निहारते हुए देख रही थी और धीरे -२ मुस्कुरा रही थी | रीता के दिल में भैया के प्रति प्यार उमड़ आया था और वो अपने पहले प्रेमी को अपनी चुत के दीदार करा थी | दोनों अपने कम में व्यस्त थे कि तभी दरवाजे पे हुए दस्तक से दोनों चोंक गए —
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