नमस्ते, मेरा नाम करन है और मेरी उम्र 19 वर्ष है. मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.
यह Xxx चाची पोर्न स्टोरी सच्ची है.
मैं आपको मेरी चाची के बारे में बता देता हूँ.
उनका नाम कविता है और उनकी उम्र 36 साल है. मगर वो दिखने मैं 30 से ऊपर की नहीं लगती हैं.
चाची का गोरा बदन देखकर आज भी लड़के उनके ऊपर लट्टू हो जाते हैं. चाची के बोबे काफी बड़े और मस्त हैं.
उनका घर हमारे घर से आधा किलोमीटर की ही दूरी पर है. उनके घर में मेरी चाची, मेरे चाचा और उनकी एक बेटी रहते हैं.
मैं अक्सर उनके घर वक्त बिताने के लिए चला जाता हूं.
चाची को मैं शुरू से ही पसंद करता था और उन्हें चोदना चाहता था, पर ये अभी तक संभव नहीं हो पाया था.
एक बार मैं दिन मैं उनके घर पर गया, तो पता चला उनकी बेटी दो दिन के लिए अपने मामा के घर गई थी और चाचा ऑफिस गए थे.
मैंने सोचा ये बहुत ही बढ़िया मौका है.
चाची घर की साफ सफाई कर रही थी उन्होंने एक टाइट सूट पहन रखा था जिससे उनका फिगर साफ दिख रहा था.
मेरा 7 इंच का लौड़ा खड़ा हो गया था.
उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा और मेरे लिए चाय बनाने चली गईं.
वो थोड़ी देर मैं चाय बनाकर लाईं और झुक कर टेबल पर चाय रखने लगीं.
उस वक्त मुझे उनके मोटे मोटे बोबों के दर्शन हो गए और इससे मेरा लौड़ा पैंट फाड़कर बाहर आने की कोशिश करने लगा था.
अपना काम खत्म करके चाची ने मुझसे कहा- तू थोड़ी देर यहीं रुकना, मैं नहाने जा रही हूँ.
जवाब मैं मैंने कहा- मैं तो शाम तक यहीं हूँ.
चाची नहाने चली गईं.
मैं उनके रूम मैं ही बैठा टीवी देख रहा था.
थोड़ी देर मैं चाची नहाकर निकलीं. मैंने देखा तो उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी थी और बालों मैं तौलिया लपेटा था.
उनको इस तरह से देख कर मैं पगला गया. हालांकि मैं अपनी आंखें झुकाकर बाहर चला गया.
थोड़ी देर मैं चाची कपड़े पहनकर बाहर आईं. तब मैं हॉल में बैठा था.
चाची ने मुझसे पूछा- क्या हुआ तुम ऐसे अचानक से ऐसे बाहर क्यों चले आए! क्या तुमने कभी किसी लड़की को ऐसे नहीं देखा था?
मैंने कहा- नहीं चाची, आपके जितनी खूबसूरत लड़की को मैंने कभी ऐसे नहीं देखा.
ये सुनकर चाची हंसने लगीं.
चाची ने मुझसे पूछा- तुमने आज तक कितनी लड़कियों को चोदा है?
उनके मुँह से में ये सुनकर एकदम से चौंक गया.
फिर मैंने दबी आवाज में जवाब दिया- एक को भी नहीं.
चाची ने कहा- तुम तो जवान हो, दिखने में भी अच्छे हो, फिर तुम अब तक वर्जिन कैसे हो?
मैंने कहा- कभी आप जैसी खूबसूरत कोई मिली ही नहीं.
ये सुनकर चाची हंसने लगीं और मुझसे बोलीं- अच्छा मतलब तुम मुझे चोदना चाहते हो?
ये सुनकर मेरा भेजा सटक गया, मुझे लगा ये खुद ही चुदने को मचल रही हैं. अभी ही पटक कर चाची को चोद देता हूँ.
पर मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा- हां अगर हो सके, तो क्यों नहीं!
चाची ने पूरी बिगड़ी नियत से मुझसे कहा- चल आज तुम्हारी ये इच्छा भी पूरी होने वाली है. मैं आज तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मेरी एक शर्त है!
ये सुनकर तो मेरे मन में खुशी की लहर दौड़ गई.
मैंने चाची से कहा कि आप बस हुकुम करो, मैं तो रेडी बैठा हूँ.
चाची ने मुझसे कहा- तुम ये बात किसी को नहीं बताओगे. तुम्हें मेरी एक दो सहेलियों को भी चोदना होगा. मैं उनसे तुम्हारी सैटिंग करवाऊंगी.
मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ चाची.
चाची ने इठला कर कहा- हां, पर पहले आज तुम जी भरके अपनी चाची को चोद लो.
बस फिर क्या था … उनके मुँह से इतना सुनते ही मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उन्हें किस करना शुरू कर दिया.
होंठों से लेकर गले से नीचे उन्हें चूमते हुए कमरे में ले गया और उनके सारे कपड़े उतार दिए.
अब वो सिर्फ उसी ब्रा और पैंटी में थीं जिसमें मैंने उन्हें थोड़ी देर पहले देखा था.
मैंने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए और सिर्फ चड्डी में आ गया.
मैंने चाची से कहा- आज से आप मेरी रखैल हो और आप सिर्फ मुझसे ही चुदोगी. किसी और से नहीं.
उन्होंने हामी भर दी.
मैंने उनकी ब्रा खोल दी और उनके दूध चूसने लगा … जोर जोर से दबाने लगा.
उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
फिर मैंने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया और उन्हें लंड चूसने को कहा.
उन्होंने मना कर दिया- ये सब मुझे पसंद नहीं है.
मैंने उनके गाल पर एक खींच कर चाटा मार दिया और कहा- साली, तुझे मैंने कहा था ना … आज से तू मेरी रखैल है. जैसा मैं बोल रहा हूँ, भैन की लौड़ी वैसा कर.
चाची ने कुछ भी नहीं कहा और वो घुटनों के बल बैठकर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मुझे लंड चुसवाने में काफी मजा आ रहा था.
उनकी लंड चुसाई भी मस्त थी.
ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वो लंड चूसने में अनाड़ी हैं.
वो तो किसी पेशेवर रांड की तरह से लंड चूस रही थीं.
दस मिनट तक उनके लंड चूसने के बाद मेरा निकलने वाला हो गया था.
मैं उनके मुँह को पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और मैंने अपना पूरा माल उनके मुँह में ही गिरा दिया.
मैंने उन्हें वीर्य पीने को कहा तो वो बिना कुछ कहे लंडरस पी गईं.
फिर उन्होंने मुझसे कहा- क्या तू हर बात पर अब मुझे मारने वाला है?
मैंने कहा- हां जब भी मेरा मन करेगा.
चाची को इस बात से कोई ऐतराज नहीं था.
उन्होंने कहा- मुझे ऐसा सेक्स अच्छा लगता है, तुम जो चाहे कर लेना … आज से मैं तेरी रंडी ही हूँ.
फिर मैंने उन्हें उठाया और बेड पर गिरा दिया; अपना लंड चाची की चूत में सैट किया और एक झटका दे मारा.
मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया. उन्हें काफी दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगीं.
उनकी चीखों से मेरा जोश और भी बढ़ गया.
मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया.
लंड ने चाची के गर्भाशय पर हमला किया था तो इससे उनकी जान ही निकल गई.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब उन्हें भी मजा आने लगा.
अब चाची अपनी गांड उठा कर चूत चुदाई का मजा लेने लगीं.
मैं उन्हें चोदते चोदते बोलने लगा- अब तो तेरी आगे की जिंदगी तू मेरी ही रंडी और गुलाम बन के रहेगी साली चुदक्कड़ … अभी तक कितनों से चुदवा चुकी है!
ये बोलते बोलते मैं उनकी धकापेल चुदाई कर रहा था.
करीब 20 मिनट चोदने के बाद मेरा माल निकलने वाला था. चाची भी दो बार झड़ चुकी थीं.
मैंने अपना माल चाची की चूत में ही गिरा दिया और बेड पर लेट गया.
हम दोनों काफी थक गए थे शाम के 4:30 बज चुके थे.
मैंने अपने कपड़े पहने.
चाची भी अपने कपड़े पहनने लगीं.
मैंने उन्हें मना किया और उनसे पूछा- आप आज तक मेरे अलावा कितने मर्दों से चुदवा चुकी हो?
उन्होंने कहा- चार.
मैंने उन्हें खींच कर अपनी बांहों में भर लिया और पूछा- मेरा लंड कैसा लगा?
वो इठला कर बोलीं- सबसे मस्त … इसलिए तो अब मैं अपनी सहेलियों को तुम्हारे लंड से चुदवाऊंगी.
मैंने उन्हें गाल पर काट लिया और कहा- अब तुम्हें रोज मेरे लंड से चुदना पड़ेगा.
चाची खुश हो गईं और उन्होंने मुझसे कहा- आज से तुम ही मेरे पति हो … मेरे देवता हो.
इतना कह कर चाची ने मेरे पैर छुए और बोलीं- मैं तुम्हारी गुलाम बनने के लिए तैयार हूँ.
ये सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई और मैंने उनको फिर से खींच कर अपनी बांहों में भर लिया.
चाची ने कहा- तुम्हारे चाचा को आने में अभी कुछ देर है. अपन बैठ कर बात करते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं चाची के साथ बैठ गया और उनकी सहेलियों के बारे में बात करने लगा.
कुछ देर बाद चाचा जी के स्कूटर रुकने की आवाज आई.
हम दोनों चाची भतीजा वाले रोल में आ गए.
चाचा अन्दर आए और मुझे देख कर बोले- तू अच्छा आ गया. मैं तुझे ही फोन लगाने वाला था.
मैंने कहा- क्यों चाचा जी क्या हुआ?
वो बोले- मुझे ऑफिस के काम से अभी एक घंटे में मुम्बई निकलना है. मुझे एक हफ्ते का काम है. तू यहीं चाची के पास रुक जा.
मैंने अपनी ख़ुशी दबाते हुए कहा- हां ठीक है न चाचा जी.
फिर चाचा जी ने ही मेरे पापा को फोन करके कह दिया कि मैं एक हफ्ते के लिए यहीं रुकूँगा.
मैंने चाचा जी कहा- मैं अपने कपड़े ले आता हूँ.
चाचा बोले- हां कल ले आना. रात को पहनने के लिए तू मेरे कपड़े पहन लेना.
मैं ओके कह दिया.
एक घंटा बाद चाचा जी चले गए. उन्हें लेने उनके ऑफिस की गाड़ी आई थी.
चाचा जी के जाते ही चाची मेरे से लिपट गईं.
मैंने उनसे कहा- अब एक हफ्ते तक तू मेरी रंडी रहेगी.
चाची बोलीं- हां मेरे राजा … आज हम दोनों रात को पार्टी करेंगे.
मैंने कहा- कैसी पार्टी?
चाची ने आंख मारी और कमरे से एक व्हिस्की की बोतल लेकर मुझे दिखाने लगीं.
मेरा भी मूड बन गया.
मैंने कहा- शाम तो हो ही गई है … अब देर किस बात की है.
चाची बोलीं- मुझे खाना बना लेने दे.
मैंने कहा- अरे अपन बाहर से डिनर ऑर्डर कर देते हैं.
चाची ने हामी भर दी.
मैंने फोन से खाना ऑर्डर कर दिया.
खाना आने में एक घंटा लगने वाला था.
हम दोनों जाम बना कर दारू पीने लगे.
एक पैग बाद चाचा जी का फोन आया कि वो ट्रेन में बैठ गए हैं और ट्रेन चल दी है.
चाची ने उन्हें मुम्बई पहुँचते ही फोन करने का कहा.
चाचा ने हामी भर कर फोन काट दिया.
अब मैंने चाची से पूछा- यार बिना सिगरेट के मजा नहीं आ रहा है. मैं अभी लेकर आता हूँ.
चाची बोलीं- कहीं नहीं जाना है, मेरे पास सब व्यवस्था है.
चाची सिगेरट लेकर आईं और मेरे सामने सिगरेट की डिब्बी रख कर अपने कपड़े उतारने लगीं.
चाची पूरी नंगी हो गईं और हम दोनों दारू की मस्ती में एक दूसरे को चूमने लगे.
चाची ने मुझे अपने चूचे पिलाने शुरू कर दिए.
मैंने उनकी चुचियों पर शराब टपका कर खूब चूसा. चूत को भी व्हिस्की में भिगो कर पिया.
Xxx चाची ने मेरे लंड को शराब से नहला कर खूब चूसा.
जल्द ही चाची की चूत में मेरा लंड घुस गया और ताबड़तोड़ चुदाई शुरू ही गई.
उस रात मैंने चाची को चार बार चोदा.
उसके दूसरे दिन चाची ने अपनी एक सहेली को घर आने का कहा. वो सब फिर कभी!
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