मेरी छिनाल मौसी के दो चुदाई किस्से!

मेरा नाम प्रशांत है. मेरे पापा का नाम रमेश है. पापा की उम्र 45 साल है. मेरे मौसा की उम्र 50 साल है क्योंकि मेरे मौसा जी ने दो शादी की हैं.

पहली मौसी शांति जो कि बड़ी है और दूसरी मौसी का नाम रीतिका है, मेरी छोटी मौसी की उम्र 33 साल है.
छोटी मौसी अभी बहुत जवान है इसलिए उनके अंदर गर्मी बहुत है.

यह हॉट मौसी सेक्सी कहानी तब की है जब मैं 22 साल का था और वाराणसी में रहकर पढ़ाई करता था.

एक बार 2 दिन की छुट्टी हुई तो मैं घर गया.
घर पर मौसी भी आई थी.

हम सबसे मिले उसके बाद खेत में काम करने चले गए.
जब शाम हुई तो सब लोगों ने खाना खा लिया.

उसके बाद मैं खेत में बने कमरे में सोने चला गया.

कुछ देर बाद पापा भी आए सोने के लिए, मेरे पास लेट गए.

उनको लगा होगा कि मैं सो रहा हूं तो वे मुझसे कुछ नहीं बोले.

उसके आधा घंटा बाद छोटी मौसी आई पानी लेकर!
तो पापा बोले- तुम क्या करने आ गई यहां पर?
मौसी बोली- पानी लेकर आई हूं आपके पास!

तो पापा बोले- पानी पिलाओगी या कुछ और भी पिलाओगी?
तब मौसी बोली- और क्या पिएंगे? साथ में बेटा लेटा हुआ है!
तो पापा बोले- यह तो सो गया.

तब पापा ने मुझे आवाज दी, मैं कुछ नहीं बोला.
तो उनको लगा कि मैं सो गया हूं.

उसके बाद मौसी पानी रख कर चल दी.
तो पापा भी उसके पीछे पीछे गए.

तो मैंने सोचा कि पता नहीं ये दोनों कहां जा रहे हैं.
थोड़ी दूर तक तो मैंने देखा, वे ज्यादा दूर निकल गये, अंधेरा होने कारण मैं कुछ देख नहीं पाया.

उसके बाद पापा कब आये पता नहीं … मैं सो चुका था.
बीच्ग रात मेरी नींद खुली तो पापा मेरे पास थे, मौसी नहीं थी, मेरे ख्याल से मौसी घर चली गई थी सोने उसके बाद!

सुबह हुई तो मेरे दिमाग में वही बात घूम रही थी.
मुझे लगा कि पापा ने मौसी को रात में जरूर चोदा होगा.
लेकिन मुझे पक्का तो पता था नहीं!

उसके बाद शाम तक मैं निकल आया वाराणसी फिर पढ़ाई करने के लिए!

तो मेरे मन में मौसी और पापा की चुदाई देखने का मन हुआ.
परंतु कैसे … यह तो संभव नहीं था क्योंकि क्योंकि मैं वाराणसी में था.
मैं सोच रहा था कि कैसे करूं … क्या करूं!
तो कुछ समझ में नहीं आया.

2 दिन बाद पापा का फोन आया.
पापा बोले- तुम्हारे मौसा घर बनवा रहे हैं तो उसमें उनको कुछ हेल्प चाहिए; उनका फोन आया था.
तो मैं बोला- अच्छा!
उन्होंने बोला- घर में काम है इसलिए हम लोग जा नहीं पाएंगे.
तो मैंने बोला- ठीक है, मैं कोशिश करता हूं.

दूसरे दिन मैं तैयार हुआ और मौसी के घर पहुंचा.
सब लोग घर पर थे.

मैं बड़ी मौसी से मिला, उनके पैर छुइ.
उसके बाद मौसा मिल गए, उनके पैर छुइ.
फिर छोटी मौसी रीतिका मिल गई.
उसके पैर छूने का मेरा मन नहीं कर रहा था क्योंकि उसके लिए मेरे दिमाग में बहुत गलत विचार बन गया था.

फिर खाना पीना हुआ शाम को!
खाने के बाद सोने की व्यवस्था कम थी तो मौसा जी वहां चले गए सोने जहां पर मकान बन रहा था.

और अब बड़ी मौसी अपनी बेटी को लेकर बाहर सो रही थी.
उसके बाद छोटी मौसी और उनका लड़का कमरे में चले गए सोने!

तभी छोटी मौसी ने बोला- कमरे में दो बैड हैं, वही तुम भी सो जाओ!
मैंने कहा- ठीक है!
तो मेरे मन में तो खुशी के लड्डू फूटे.

मैं गया.
गर्मी का मौसम था तो लेट गया.
कुछ देर बाद देखा तो मौसी की साड़ी ऊपर उठी हुई थी, उसकी जांघें दिख रही थी और दूध भी आधे आधे दिख रहे थे.

मेरा लन्ड खड़ा हो गया तुरंत!
पर मेरे मन में डर था.

कुछ देर बाद जब मौसी गहरी नींद में सो गई तो मैंने उनकी साड़ी उठाकर देखी.
पेंटी नहीं पहनी थी मौसी ने!
मुझे कुछ शक हुआ.
पर उसके बाद मैं सो गया.

सुबह हुई तो हम सब नाश्ता कर रहे थे.
मैंने देखा कि रीतिका मौसी नहा कर आ रही थी.
जब वह कपड़े रस्सी पर डालने गई तो उनमें पेंटी भी थी.

मैंने सोचा कि रात में तो पेंटी नहीं थी, अभी कैसे आ गई?
पर मैंने ज्यादा कुछ नहीं सोचा.

हम लोग काम पर लग गए.

फिर रात हुई तो फिर सोने गए.
तो जब मौसी सो गई तो मैंने उसकी साड़ी के अंदर अपना पैर डाल दिया और हॉट मौसी की सेक्सी चूत को हल्के से सहलाया.
मुझे लगा कि मौसी सो गई हैं.

तो फिर मैंने और जोर से सहलाया तो मौसी ने हल्के से आह आह की.
उसके बाद मेरी गांड फटी तो मैंने अपना पैर अपने बेड पर कर लिया.

लेकिन मौसी अब गर्म हो चुकी थी क्योंकि मेरे मौसा चोदते नहीं है क्योंकि वो अब बुड्ढे हो चुके हैं लेकिन मौसी तो अभी जवान है.

थोड़ी देर बाद जब मौसी को लगा कि मैं डर गया हूँ और अब कोई हरकत नहीं करूंगा तो मौसी ने खुद कहा- बेटा, तू मेरे पास आ जा, मुझे तुमसे बातें करनी हैं.

मैं मौसी के पास गया तो मौसी और मैं इधर उधर यहाँ वहाँ की बात करने लगे.

मौसी का हाथ मेरे लंड के एकदम पास था. मैं कुछ नहीं कर रहा था.

तभी मौसी का हाथ मेरे लंड से टकरा गया और वे हल्के हलके मेरे लंड को सहलाने लगी.

इतने से ही मेरा लंड में खड़ा होना शुरू हो गया था.

मैं अभी भी दारा हुआ था तो मैं पीछे हटने लगा.

पर तभी सेक्सी मौसी ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और बोली- प्रशांत बेटा, मेरी एक बात मानेगा क्या तू?
इस पर मैंने कहा- मौसी, आप बोलिए, मैं जरूर मानूँगा!

‘तो बेटा, तू मेरी प्यास बुझा दे बेटा … अपनी मौसी को इस्ल्न्द से चोद दे … तेरा लंड बहुत लम्बा है. तेरा लंड बहुत मजा देगा मुझे!

तभी मौसी ने मेरे लंड को हाथ से जोर से दबाया.
मैंने हटना चाहा तो मौसी मुझ से लिपटकर मेरे लबों को चूमने लगी.

मौसी के स्तन मेरी छाती पर रगड़ रहे थे.
मुझे इसमें बहुत अच्छा लग रहा था.

तब मैं अपना हाथ मौसी की गांड पर ले गया और मौसी के चूतड़ दबाने लगा.
उसके मुख से कामुक सीत्कारें निकलने लगी.

तब मैंने मौसी से पूछा- मौसी, ज़रा बताओ कि मेरा लंड आपने कब देखा? जो बोल रही हो तुम्हारा लंड बहुत बढ़िया है?
मौसी- जब तुम्हारे घर गई थी और तुम खेत में सोये थे, तब!

मैं हैरान हो गया कि उस समय मुझको तो पता ही नहीं चला.
मौसी बोली- पहले प्यास बुझाओ, बाद में सब बताऊंगी.
मैं बोला- ओके!

फिर मैंने मौसी के चूचे दबाना शुरू किया, वे काफी बड़े थे.

मैंने मौसी की साड़ी निकाली और उसके ऊपर लेट गया.
तो मौसी ने कहा- बेटा, मेरे चूचों को चूस ले. बहुत समय से किसी ने इनको नहीं चूसा है बस एक मर्द को छोड़कर! वे भी जब मौका मिलता है तो सिर्फ चोद लेते हैं. क्योंकि उनके पास इतना टाइम नहीं होता!
मैं- किस मर्द को छोड़कर?
मौसी- तेरा बाप!

मैं चकित नहीं हुआ क्योंकि शक तो मुझे पहले ही था.
तो मैं बोला- बताओ कैसे तुम चुदी पापा से?
मौसी- बाद में बताऊंगी.

मैं मौसी के चूचे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
मौसी के चूचे और फूलने लगे थे.

फिर मैंने मौसी का साया उतार कर उसकी चूत को ज़ोर से मसल दिया.
तब मौसी ने चड्डी नहीं पहनी हुई थी.

मौसी बोलेन लगी- आआह ऊह ऊओ … और ज़ोर से मसल … फाड़ दे इसको!
तब मैंने अपनी मध्यमा उंगली उसकी चूत में घुसा दी.
तो उसके मुंह से गर्म सीत्कारें निकलने लगी.

मौसी ने कहा- बेटा जल्दी कर … चोद दे मुझे!
तो मैं बोला- अरे मौसी जल्दी क्यों करती हो, पूरी रात है हमारे पास!
मौसी ने हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया.

मैंने कहा- यार मौसी, इसे अपने मुंह में लेकर चूस ना!
मौसी मेरा लंड चाटने लगी.

इससे मैं बहुत गरम हो गया तो मैंने अपना लंड सीधे मौसी की चूत में घुसा दिया.

तब मौसी के मुख से चीख की आवाज़ निकली- आआ ईई ईई उम्म्हां … अह … हांह… ओ!

मैं मौसी के उरोज मसलने लगा और थोड़ी देर बाद मौसी सामान्य हो गई.

मैं अविरत छोटी मौसी की चुदाई में लगा था.
और मैं झाड़ें लगा तो मुझसे रुका नहीं गया, मैंने अपना सारा रस मौसी की गर्म फुद्दी में डाल दिया.
मौसी बोली- यार प्रशांत, तू तो बड़ा चोदू निकला रे … मेरी जवानी की आग एक बार में ही ठण्डी कर दी.

लेकिन मौसी नहीं जानती थी कि यह मेरा प्रथम यौन सम्बन्ध अनुभव है.

उसके बाद मैंने कहा- पहले बताओ तुम पापा कब और कैसे चुदी? और मेरा लन्ड कब देखा? उसके बाद मैं तुम्हारी गान्ड मारूंगा.

मौसी- जब मैं तुम्हारे घर गई थी, तब तुम खेत में सो रहे थे. मैंने तुम्हारी चड्डी उतार कर तुम्हारा लंड देखा था.
मैं बोला- जब मैं और पापा सो रहे थे तब?
मौसी- हाँ!

मैं बोला- मैं जान नहीं पाया था.
मौसी- मैं पानी लेकर आई थी. तब मैं तुम्हारे पापा के साथ वहां से दूर दूसरे खेत में चुदवाने गयी थी.

मैं- अच्छा मतलब तुम उसी दिन पापा से चुदाई करवाने गई थी.
मौसी- तुम जानते हो क्या?
मैं- मैं जग रहा था जब तुम आई थी.
मौसी- अच्छा!

मैं- मुझे पता चला होता तो उसी दिन मैं आपको चोद लेता!
मौसी- तेरे पापा से चुदवा कर भी मेरी प्यास नहीं बुझी थी क्योंकि तुम्हारे पापा भी बुड्ढे हो रहे हैं. उस वक्त मैंने तुम्हारे पापा के सामने तुम्हारा लंड देखा था. फिर तुम्हारे पापा बोले थे कि इसे भी लेने का इरादा है क्या?
मैं- अच्छा?
मौसी ने कहा- तो मैंने तुम्हारे पापा को तुम्हारे लंड से चुदाई की इच्छा बताई थी.

इस तरह से मौसी ने ये सब कहानी मुझे बताई.

फिर मैं बोला- मुझे पापा और आपकी चुदाई देखनी है.
मौसी- चलो, अब जब तुम्हारे घर आऊंगी तो तुम्हें फोन कर दूंगी. तुम भी घर आ जाना. फिर हम साथ में चुदाई करेंगे.
मैं बोला- साथ में कैसे?
मौसी- वो मैं सब जुगाड़ कर लूंगी.

उसके बाद मैं 3 दिन मौसी के यहां रुका और उसकी खूब चुदाई की.
अगले दिन तो मैंने मौसी की गांड भी मारी.
लेकिन वो बोल रही थी- मैंने आज तक गान्ड नहीं मराई थी.

लगभग 2 महीने बाद मौसी का फोन आया- घर आ जाओ, मैं भी जा रही हूं तुम्हारे घर!

तो मेरे मन में खुशी के लड्डू फिर फूटने लग गए.
मैंने दूसरे दिन कपड़े पैक किये और घर के लिए निकल पड़ा..

मैं ट्रेन से स्टेशन पर उतरने बाद मेडिकल स्टोर पर गया.
वहां से सक्स की टेबलेट ली मैंने!

उसके बाद मैं घर पहुंचा तो देखा कि मौसी नहीं दिख रही है.
मुझे बहुत गुस्सा आया. मुझे लगा कि मौसी ने मुझे धोखा दे दिया.

फिर मैंने अपनी मम्मी से घर का और सबका हाल चाल पूछा.
तो मम्मी सब कुछ ठीक बताया.

उसके बाद मैंने पूछा- पापा कहां हैं?
मम्मी बोली- तेरे पापा खेत में गए हैं. और मौसी भी उनके साथ गई है.

यह सुन कर मुझे खुशी हुई और मैंने मम्मी से पूछा- मौसी भी आई है?
मम्मी बोली- हां, अभी सुबह-सुबह ही आई है.

मैंने पूछा- अच्छा कुछ काम था क्या?
तो मम्मी बोली- नहीं , ऐसे ही मिलने घूमने आई है.

उसके बाद हमने खाना खाया और आराम करने लगे.

कुछ देर बाद कुछ देर बाद मौसी घर आई.
वे मुझे देखकर बहुत खुश लग रही थी.

मैंने भी मौसी को आंख मार दी.
तो उसने भी एक आंख मारी.

उसके बाद मैं उठा और पीछे वाले बाथरूम में पेशाब करके आया.

धीरे-धीरे शाम होने लगी.
मेरे दिमाग में एक बड़ी टेंशन थी कि मैं पापा के सामने मौसी कैसे चोदूंगा.

धीरे-धीरे शाम हो गई.
मौसी और मम्मी ने खाना बनाया, सब लोगों ने खाना खाया.

उसके बाद मैं छत पर चला गया सोने!
और मम्मी नीचे कमरे में सोने चली गई.
पापा चले गए खेत में!

तो मैं सोच रहा था कि मैं कैसे बात करूं मौसी से कि कब और कैसी है चुदाई करनी है.
मैं बहुत टेंशन में था.

उसके बाद मेरे फोन में फोन पापा का फोन आया- तुम्हारी मौसी कहां है?
मैं बोला- मैं छत पर हूं, सो रहा हूं. मुझे नहीं पता!
पापा बोले- ठीक है!

उसके बाद आधे घंटे बाद मौसी छत पर आई और बोली- सो गए क्या?
मैं – नहीं तो!
मौसी- नींद नहीं आ रही है क्या?
मैं- नींद कैसे आएगी? चूत जो चाहिए तुम्हारी!
इतना बोल कर मैं हंस पड़ा.

मैं- पापा का फोन आया था, आपको पूछ रहे थे वे!
मौसी- तो उनका भी लंड खड़ा होगा ना मुझे चोदने को!

मैं- यह बताओ पापा के सामने मैं आपको कैसे चोदूंगा? कोई जुगाड़ कर रखा है क्या?
तो मौसी बोली- अभी मैं कुछ देर बाद में तुम्हें मिस कॉल कर दूंगी. तो तब तुम खेत में आ जाना! तो तुम हम लोगों को देखकर ऐसे व्यवहार करना कि पापा को लगे कि ये क्या … बेटे ने काण्ड करते देख लिया. बाकी मैं सब कुछ संभाल लूंगी.

मैं- ओके!

उसके बाद मैं लेट गया और मौसी चली गई नीचे!

फिर लगभग 45 मिनट बाद फोन आया मेरे पास पापा के फोन से!
पर साथ ही फोन कट गया.
इस मिस काल से मुझे सिग्नल मिल गया कि मौसी मुझे बुला रही है.

फिर मैं चुपके से नीचे उतरा और जो गोली लाया था, एक गोली तुरंत खा ली और खेत चुदाई के चला गया.

वहां बाहर से ही देखा कि कमरे में मौसी और पापा चोदम चोद में लगे हुए हैं. मौसी नीचे लेटी हुई थी और पापा उनके ऊपर चढ़कर चुदाई कर रहे थे.

मौसी धीरे धीरे ‘आह आह … आह आह आह’ चिल्ला रही थी.

उसके बाद मैं वहीं बैठ गया देखने के लिए कि ये लोग कैसे चुदाई करते हैं.

कुछ देर बाद पापा नीचे आ गए और मौसी के बाल पकड़कर अपना लंड मौसी के मुंह में डाल दिया.

मौसी चूसने लगी जैसे लॉलीपॉप चूसते हैं.

उसके बाद मैं उनके समीप तक जा पहुंचा.

पापा ने मुझे देख लिया तो जल्दी से उन्होंने अपने ऊपर कपड़ा डाल लिया.
लेकिन मौसी ने अपना साड़ी ठीक नहीं की.

पापा उनको बोले- अरे, साड़ी पहनो ना!
उसके बाद मैं बोलने लगा- यह क्या चल रहा है आपका खेल?
पापा बोले- कुछ नहीं बेटा … कुछ नहीं!

तब मौसी बोली- आओ तुम भी आ जाओ!
मैं- आप तो मेरी मौसी हो तो कैसे?

मौसी बोली- ज्यादा नाटक मत करो, मैंने सब बात बता दी है तुम्हारे पापा को पहले ही!
पापा- हाँ बेटा, ये तेरी मौसी तो बहुत गर्म है! आओ बेटा आओ … मेरे बस की बात नहीं है तुम्हारी मौसी को ठंडा कर पाना! इसने जब से तुम्हारे लंड को देखा है, तुमसे चुदाने का मन बना लिया है. खुद बोल रही थी.

मैं- अरे पापा, इनको तो मैं कई बार चोद चुका हूं पहले ही!
पापा- ओह यह तो पूरी रंडी निकली!
मैं- हाँ!

मौसी- हाँ मैं रण्डी हूं. मुझे तुम दोनों से चुदना है एक साथ!

मैं- हाँ पापा, यह इसी का प्लान था कि हम दोनों इनकी चुदाई खेत में करें. दो लंड एक साथ डालेंगे चूत और गांड में! और खूब चोदना है.
पापा- फिर जल्दी आओ!

उसके बाद मैंने अपनी अंडरवियर उतारा और अपना लंड उनके पास लेकर चला गया.

पापा- इतना बड़ा लंड?
मेरे पापा का मुंह खुला का खुला ही रह गया.

मैंने मज़ा लेने के लिए अपना लंड पापा के मुंह के पास लगा दिया.

पापा- अबे मादरचोद … मेरे मुंह में डालेगा क्या?
मैं- आपकी इच्छा है … चूसना हो तो चूस सकते हैं आप!
फिर मैं हंस दिया.

मेरे साथ साथ मौसी भी बहुत तेज हंसी.

पापा को गुस्सा आ गया कि हम उनका मज़ा ले रहे हैं.
उसके बाद मैं बोला- काम डाउन पापा!

फिर पापा शान्त हुए और मैंने अपणा लंड मौसी के मुंह में दे दिया.
मौसी उसे चूसने लगी.

और पापा ने अपना लंड मौसी की चूत में डाल दिया, वे चुदाई करने लगे.

मौसी ‘आह आह आह’ कर रही थी, पर कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योंकि उनके मुंह में मेरा 7 इंच का लन्ड था.

उसके बाद मैंने अपना लंड निकाला और पापा को बोला- पापा, आप अपना लंड मौसी की चूत से निकालकर उनके मुंह में डालो.

पापा ने अपना लंड मौसी के मुंह में डाल दिया और मैं अपना लंड उसकी चूत में डाल कर मौसी की चूत चुदाई करने लगा.

कुछ मिनट के बाद पापा तो झड़ गए लेकिन मैं तो झड़ नहीं रहा था.

तो पापा बोले- तुम्हारा स्टैमिना तो बहत ज्यादा है!

मैंने जेब से एक गोली निकाली और पापा को दे दी.
पापा ने तुरंत वह गोली खा ली.

उसके बाद पापा ने अपना लंड मौसी के मुंह में दे दिया और मैं उनको कुतिया की पोजीशन में करके उनके नीचे लेट गया और अपना लंड मौसी की चूत में डालने लगा.

उसके बाद आधा लंड उनकी चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा.

धीरे धीरे पापा का लंड फिर से खड़ा हुआ.
तो पापा ने अपना लंड मौसी की गांड में डाल दिया.

और मौसी चीख उठी- उह … हाह फाड़ दी मेरी गांड!
मौसी खूब सीत्कार करने लगी.

उसके बाद बारी बारी से, कभी एक साथ दो लंड चूत में, कभी एक लंड गान्ड में एक लंड मुंह में, और कभी एक लंड चूत में एक लंड मुंह में!

हम बाप बेटा मेरी मौसी को चोदते रहे.
काफी देर के बाद हम दोनों झड़ गए.

पापा ने मौसी की गांड में और मैंने मौसी की चूत में रस छोड़ा.

उसके बाद उस रात में मैंने और पापा ने मौसी की गान्ड और चूत और मुंह को खूब चोदा.

मौसी बोली- आज से एक अरसे के बाद मैं पूरी संतुष्ट हुई हूं.

उसके बाद 3 दिन मौसी हमारे घर में रही और हम दोनों ने उसकी बहुत चुदाई की,

तीसरे दिन जब चोद रहे थे रात में पापा और मैं … तो मुझे ऐसा लगा कि कोई हमें देख रहा है.
बाद में मुझे हल्का सा दिखा कि वह मेरे चाचा का लड़का था.

लेकिन मैंने कुछ रिएक्ट नहीं किया क्योंकि वह भी बड़ा हो गया, उसका भी लंड खड़ा होता होगा. इसलिए मैंने सोचा कि देख लेने ड़ो उसको भी हमारी चुदाई को!

वह भी कुछ नहीं बोला.

उसके बाद मैं 3 बजे रात उठ कर जब वहाँ से निकला तो देखा कि चाचा का लड़का रोहित अभी भी वहीं था.
तो मैंने उसको अपने पास बुलाया और साथ साथ चलने लगे.

वह रास्ते में बोला- मुझको भी चोदना है तेरी मौसी को!
मैंने उसे कहा- ठीक है, पर मैं पहले मौसी को इसके लिए राजी तो कर लूं. फिर तुझे बताऊंगा.

अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि रोहित को लेकर आगे क्या हुआ.

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