अलोन भाभी वांट सेक्स कहानी में मैंने एक भाभी को पार्क में ताड़ना शुरू किया. वह मुझे बहुत सेक्सी लगती थी. लेकिन बात करते हुए मेरी फटती थी. एक दिन उसी ने पहल की.
मित्रो, मेरा नाम शैडो (नीर) और मैं वेस्ट दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैं अन्तर्वासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ. मैं पिछले 7 सालों से इस पटल की कहानियां पढ़ रहा हूँ.
इस वक्त मेरी उम्र 30 साल की है.
अलोन भाभी वांट सेक्स की यह सच्ची घटना पार्क में मिली एक औरत की है, जिसने अपने घर ले जाकर ओरल सेक्स करवाकर खुद संतुष्ट किया.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
आज तक मैंने सिर्फ स्पा में ही लड़कियों से सेक्स किया है, वो भी 2 बार.
इसलिए मैं ये कहूँ कि मैं बहुत बड़ा वाला चोदू हूँ, ठीक नहीं होगा.
सर्दियों के शुरूआती दिन थे.
मैं हर रोज़ पार्क में कसरत करने जाता था.
वैसे मुझे कसरत आदि के लिए जाना पसंद नहीं है.
बस वहां बहुत सी लड़कियां और औरतें आती थीं, उनके चुस्त कपड़ों में से दिखाई देते उनके दूध और गांड के कटाव देखने से आंखें तृप्त हो जाती थीं और लंड को अकड़ने का मजा मिल जाता था.
मैं वहां एक औरत को रोज देखता था, वह बहुत मस्त माल दिखती थी.
मेरा लंड बस उसे देख कर ही खुश हो जाता था.
वह स्किन टाइट कपड़े पहन कर जब दौड़ लगाती और अन्य कसरत करती थी तो मन करता था कि बस उसे ही देखता रहूँ.
उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
फिर मुझे बैठ कर हाथ आगे रख कर अपना ध्यान कहीं और भटकाना पड़ता था ताकि लंड बैठ जाए और मैं फिर से अपनी बाकी कसरत शुरू कर सकूँ.
उसकी बड़ी बड़ी आंखें, एकदम गोल 34 इंच के दूध, मस्त गांड, बंधे हुए बाल आह … क्लास माल लगती थी वह!
फिर जब वह बोतल को अपने होंठों से लगाकर पानी पीती थी तो मन करता था कि उसके होंठों पर अपने होंठ लगाकर उसके मुँह से पानी चूस लूँ.
मैं उससे बात करने में डरता था क्योंकि मैं ambivert (जो बहिर्मुखी और अंतर्मुखी हो) स्वभाव का व्यक्ति हूँ.
मुझे लगा कि वो मुझसे क्यों बात करेगी, उसका पति भी होगा … और किस्मत वाला भी.
अब तो रोज़ का यही हो गया था.
मैं उसे देखता और अपनी कसरत करके घर आ जाता.
ऐसे ही 2 महीने बीत गए.
फिर नया साल आ गया.
जनवरी का पहला हफ्ता, मेरे ऑफिस की छुट्टी थी.
एक जनवरी, किस्मत वाला दिन.
उस रोज भी मैं पार्क गया और सोचा कि आज कुछ भी हो जाए, उसे नव वर्ष की शुभकामनाएं तो देकर ही रहूँगा.
वह भी पार्क में आ गयी और मैं उसे बस देखता ही रहा.
जब वह दौड़ रही थी तो मैं भी उसके पीछे पीछे दौड़ने लगा.
उसकी गांड देख कर भारी मज़ा आ रहा था लेकिन मेरी बात करने की हिम्मत नहीं हुई.
फिर मैं बैठ गया और खुद को कोसने लगा कि मैं कैसा फट्टू हूँ कि न्यू इयर भी विश नहीं कर पाया.
इतने में वही औरत मेरे साथ बेंच पर आकर बैठ गयी.
मैं उसे ही देख रहा था कि उसने भांप लिया और उसने खुद ही नव वर्ष की बधाई दे दी.
मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा और मैंने भी हकलाते हुए उसे विश कर दिया.
मुझे घबराया हुआ देख कर वो हंस पड़ी और उसने हाथ आगे कर दिया.
मैं सकपका गया कि क्यों हाथ बढ़ाया है.
उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से मिलाया और अपना नाम सोनम (बदला हुआ नाम) बताया.
मुझे पसीना आने लगा था.
उसने जो आगे कहा, उसे सुन कर मैं और भी घबरा गया.
उसने कहा- मैं जानती हूँ कि तुम मुझे देखते हो और ये काम तुम एक डेढ़ महीने से कर रहे हो. मुझे देख कर तुम्हारा खड़ा हो जाता है, फिर तुम बैठ कर हाथ आगे रख लेते हो.
पहले तो मैं चुप रहा; फिर मैंने धीरे से कहा- आपको कैसे पता ये सब?
उसने कहा- मैंने तुमको कसरत करते हुए देखती हूँ और नोटिस भी करती हूँ. लेकिन तुमने मुझसे बात करने की कभी हिम्मत नहीं की, इसलिए मैंने भी आज तक कभी तुमसे बात नहीं की.
अब हमारे बीच बात होने लगी.
करीब 45 मिनट तक हमारी बात हुई.
उसने कहा- मेरा अभी वर्क फ्रॉम होम चल रहा है और अब मुझे घर जाना होगा.
मैंने हिम्मत करते हुए कहा- काश हम थोड़ी देर और बात कर पाते. तुमसे बात करते हुए काफी मज़ा आ रहा है.
उसने मस्त स्माइल करते हुए कहा- अगर सिर्फ बातें ही करनी है, तो कल यहीं मिलते हैं … और बाकी के लिए तो घर चलना पड़ेगा.
मैं इतना खुला ऑफर पाकर खुश हो गया और उसके साथ चलने को तैयार हो गया.
फिर हम दोनों उसके घर पहुंचे.
उसने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और वो हम दोनों के लिए संतरे का फ्रेश जूस निकाल कर ले आयी.
जूस पीते हुए मैंने उसे ध्यान से देखा तो उसके गले पर से पसीना उसकी पहाड़ियों के बीच में जा रहा था.
मैं सोच रहा था कि काश मैं उसके पसीने को अपने होंठों से चूस सकता, उसके जिस्म को महसूस कर सकता.
इतने में उसने मेरा ध्यान तोड़ते हुए मुझसे कहा- कहां खो गए ध्यानी जी, ऐसे क्या देख रहे हो! मैं पसंद तो नहीं आ गयी?
मैं थोड़ा हड़बड़ा गया और कहा- नहीं नहीं … बस ऐसे ही!
फिर मैंने उसकी फैमिली के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि उसका तलाक हुए 10 महीने हो गए हैं. उसका पति उसे पैसे नहीं देता था और जॉब भी नहीं करने देता था, इसी वजह से उनके बीच बहुत झगड़ा भी होता था. इसी लिए वो दोनों अलग हो गए. अब वह फ्रीलान्स काम करती है और महीने में एक लाख तक कमा लेती है. कुछ पैसे खुद को संतुष्ट करने के लिए भी रख लेती है और वो खुश है.
फिर हम बातें करते करते उसके बेडरूम में पहुच गए.
बेड पर सामान बिखरा पड़ा था.
जैसे ही उसने ठीक करने के लिए चादर उठाई, वहां पड़ा सामान देख कर एक बार को रुक गया लेकिन फिर सामान्य हो गया.
उसके बेड पर कुछ डिल्डो, वाइब्रेटर और एक हाथ बांधने का सामान पड़ा था.
उसे देख कर वो शर्मा गयी और जल्दी जल्दी उठाने लगी.
मैंने कहा- अब रहने दो, देख तो मैंने लिया ही है.
मैं समझ गया कि अलोन भाभी वांट सेक्स!
उसने बताया कि एक बार उसने अपने दोस्त के साथ सेक्स किया था लेकिन उसके दोस्त ने उसकी फोटो अपने दोस्तों को भी भेज दी … और जब उसे ये पता चला, तो उसने अपने दोस्त से बात करना बंद कर दिया. इसलिए अब वो अपनी एक सहेली के साथ लेस्बियन सेक्स के मजे लेती है.
फिर उसने मेरे सामने लकड़ी की अलमारी खोली.
बस में देखता ही रह गया.
सारी अलमारी सेक्स टॉयज और सेक्स के सामान से भरी पड़ी थी.
अब मैं समझ गया कि कुछ पैसे ये कहां खर्च करती है.
ये सब देख कर मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया और मेरे मुँह से निकल गया- इन सबकी क्या ज़रूरत, मैं तो बस ओरल सेक्स से ही किसी भी औरत को संतुष्ट कर सकता हूँ.
वो मुझे ऐसे देखने लगी कि पता नहीं मैंने क्या बोल दिया हो!
फिर उसने कहा- ओरल सेक्स तो बहाना होता है. बात तो सिर्फ चूत में लंड डालने की हो जाती है.
मैंने उससे कहा- तुम जैसी बोल्ड औरत से मैं पहली बार मिला हूँ जो इस तरह से बोल रही है.
यह सुन कर वो उसने कहा- मैं क्या चीज़ हूँ, तुम अभी नहीं जानते.
इतना कह कर वह मुस्कुराने लगी.
उसने कहा- अगर तुमने मुझको सिर्फ ओरल सेक्स करके तृप्त कर दिया, तो जब तुम बोलोगे, जैसा बोलोगे … मैं करूंगी. लेकिन यही बात तुम्हारे लिए भी लागू होती है. यदि हार गए तो जब भी मैं बुलाऊंगी, तुम्हें मेरे पास आना होगा. चाहे कोई भी काम हो!
मैंने भी जोश में हां बोल दिया लेकिन फिर मैं थोड़ा घबरा भी गया.
तब भी मैंने ये उसे नोटिस नहीं होने दिया.
उसने कहा- ओरल सेक्स करते वक्त लंड चूत में नहीं जाना चाहिए चाहे कुछ भी हो, मैं चीखूँ चिल्लाऊं, गालियां दूँ. कुछ भी कहूँ … न तो तुम लंड पेलोगे और न ही किसी सेक्स टॉयज का इस्तेमाल करोगे. अगर ये चैलेन्ज स्वीकार करते हो, तो आगे बात करते हैं.
मैंने बोल दिया- हां मंजूर है. पर तुम भी वही करोगी, जो मैं कहूँगा!
वह बोली- ठीक है.
अब असली मज़ा आने वाला था.
मैंने उससे कहा- हाथ और पैर बांधने के लिए कोई कपड़ा ले आओ और एक एक गिलास पानी भरके ले आओ.
वह दोनों चीजें ले आई.
मैंने उससे कहा- पानी मुँह में भर कर रखो.
उसने ऐसे ही किया.
फिर मैं उसके होंठों को अपनी जीभ से चाटने लगा.
मैं जो सुबह सोच रहा था, वह अब सच में हो रहा था. बस यही फील करके मेरा लंड खड़ा होने लगा.
फिर एक या दो मिनट बाद मैंने उससे कहा कि अपने मुँह से पानी मेरे मुँह में डालो … वह भी धीरे धीरे!
यह सुनते ही उसे खांसी आ गयी और उसने पानी मेरे मुँह पर फेंक दिया.
फिर वह मुझे कातिल नजरों से देखने लगी.
मैंने कहा- अभी तो सिर्फ शुरुआत है, तुम बस फील लो … और जैसा मैं कहता हूँ, वैसा करो.
उसने फिर से पानी भरा और मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर लगाए.
मैं उसके मुँह से पानी पीने लगा.
फिर मैं उसे किस करने लगा और उसे बेड पर लेटा दिया.
मैं बहुत आराम से उसे किस कर रहा था, उसके पूरे जिस्म को महसूस कर रहा था.
उसके जिस्म की खुशबू, प्यारी प्यारी आंखें, रसीले होंठ, उसके दिल की धड़कन, यानि उसका हर अंग मुझे उत्तेजित कर रहा था.
तब मैंने उसके हाथ पीछे ले जाकर बेड से बांध दिए और पैर भी बांध दिए.
मैंने फिर से उसे किस करना शुरू कर दिया.
उसके स्तन और चूत मेरे शरीर से रगड़ रहे थे लेकिन मैंने अभी तक वहां हाथ नहीं लगाया था.
बाकी जिस्म को मैं प्यार से मसल रहा था.
फिर मैं सिर्फ कच्छे में आ गया.
उसने देख कर कहा कि अच्छी बॉडी मेन्टेन की है तुमने!
मैंने कहा- बस तुम्हें देख कर ही जोश जोश में कर ली.
हम दोनों हंसने लगे.
अब मैंने उसका टाइट टॉप ऊपर कर दिया और लेग्गिंग्स नीचे करके सिर्फ ब्रा और पैंटी में ला दिया.
उसका जिस्म देख कर मैंने उससे कहा- बड़ा मस्त जिस्म है तुम्हारा … बहुत अच्छे से मेंटेन किया है!
वह शर्मा रही थी.
अब मैंने उसकी मांसल जांघों को किस करना शुरू कर दिया और उसने भी अपने मुँह से उम्म्म उम्म्म की आवाजें निकालनी शुरू कर दीं.
मैं धीरे धीरे उसकी चूत पर आकर रुक गया.
दूसरी जांघ के साथ भी यही किया.
फिर मैं उसकी नाभि से किस करता हुआ उसके स्तनों के बीच में और चारों तरफ चूमने चाटने लगा.
फिर बगलों को चाटा.
वहां से गर्दन पर, फिर आंखें, नाक से होता हुआ उसके होंठों पर आ गया.
मैंने करीब चालीस मिनट तक यही सब किया.
उसकी सांस फूलने लगी थी. वह भी आंखें बंद करके पूरा मज़ा ले रही थी.
फिर वह बोली- तुमने तो मुझे नशा ही चढ़ा दिया.
मैं हंस दिया.
अब बारी उसकी चूत और स्तनों की थी.
पहले मैंने उसके स्तनों पर हाथ फेरा,
उफ्फ्फ … कितने कोमल थे वे!
मैंने हल्का हल्का दबाना शुरू किया. कुछ मिनट बाद मैं फिर से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा.
चूत काफी गीली हो गयी थी.
अब मैंने उसकी स्पोर्ट्स ब्रा को भी ऊपर कर दिया.
उसके प्यारे कोमल स्तन मेरे सामने थे.
बहुत प्यार से मैं उसके निप्पलों के आस-पास किस करने लगा. कभी एक स्तन पर कभी दूसरे पर.
बीच बीच में मैं एक को जोर से दबा देता, तो उसकी आह निकल जाती थी.
कुछ देर बार मैं उसके चूचुकों से खेलता रहा, चूसना चाटना दबाना जारी रहा और मैं उसे लगातार उत्तेजित करता जा रहा था.
उसकी उफ्फ्फ आह्हहः की चीख मुझे भी काफी उत्तेजित कर रही थी.
इस सबसे मेरे लंड में भी दर्द होने लगा था.
पर मैं उसे पेल नहीं सकता था ना!
अब उसकी चूत की बारी थी.
मैं उसकी चूत के पास आया और बहुत आराम से पैंटी को नीचे खिसका दिया.
मेरे सामने बिना बालों की प्यारी गीली चूत थी.
उसकी चूत से निकले हुए पानी को मैंने सूंघा और महसूस करने लगा.
यह महक बहुत उत्तेजित कर रही थी.
फिर मैं अपनी उंगलियां चूत पर फेरने लगा.
उसे एकदम से झटका लगा और वह थोड़ा पीछे को होने लगी, पर हो न सकी.
फिर जैसे ही मैंने उसकी प्यारी चूत की फांकों को अलग किया और अन्दर की लालिमा को देखा तो आह … मेरे लंड की मां चुद गई.
उसकी पिंक स्किन को अपनी जीभ से चाटा, तो उसके मुँह से भी सीत्कार निकल गई.
‘उफ्फ … अहह …’ की आवाजें आने लगी.
चूत का पानी मुझे ज्यादा उत्तेजित कर रहा था.
मैं अपनी जीभ को जितना हो रहा था, उतना अन्दर ले जाने की कोशिश कर रहा था.
वह भी भारी तड़प रही थी, कभी अपनी गांड उठाती, कभी पीछे होने की कोशिश करती.
लेकिन मैंने चूत चाटना नहीं छोड़ा.
करीब 20 मिनट बाद मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली और आगे पीछे करने लगा.
उसकी कामुक आवाजें तेज़ हो गईं और वह अपना शरीर हिलाने लगी.
शायद उसे दर्द और मज़ा दोनों आ रहे थे.
लेकिन उसे ऐसे तड़पता देख मुझे मज़ा आने लगा था.
फिर मैंने 3 उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं और आगे पीछे करने की गति बढ़ा दी.
वह बहुत ज्यादा तड़पने लगी थी और उसकी चीखें भी तेज़ हो गयी थीं.
एक बार को तो उसने चिल्ला कर कहा- प्लीज फ़क मी … प्लीज फ़क मी.
मैं उसकी चूत के पास बैठा और अपना लंड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा.
लेकिन मैंने अन्दर नहीं डाला क्योंकि उसका चेलेंज जो पूरा करना था.
जब वह थोड़ी शांत हुई तो मैंने फिर से उसकी चूत में उंगलियां डाली और उसकी क्लिट को चाटने लगा.
कभी कभी क्लिट को होंठों से खींचने की कोशिश भी करता.
वह फिर से उत्तेजित होने लगी.
अब मैंने सोच लिया कि अब इसका पानी निकाल कर ही रहूँगा, चाहे ये कितना ही तड़पे या चिल्लाये.
उसकी सिसकारियां चीखों में तबदील हो गयी थीं.
वह ‘आह्ह्ह आह्ह्ह य्य्स्स इस्स्स्स …’ करती हुई चिल्लाने लगी.
मैंने उंगलियों की गति और बढ़ा दी.
वह इतना तड़पने लगी जैसे उसमें वाईब्रेटर लगा दिया हो.
सिर्फ 3 मिनट के अन्दर वह बहुत जोर से अकड़ी और स्खलित होकर शांत हो गयी.
उसकी चूत का पानी मेरे मुँह पर आकर भी गिरा था.
मैंने थोड़ा रस चाटा, बाकी हाथ से साफ़ कर लिया.
फिर मैंने उसकी चूत को भी साफ़ किया.
वह बेसुध होकर पड़ी रही.
उसी हालत में मैंने निप्पलों को और होंठों को किस किया.
फिर मैं कच्छे में ही उसके लिए जूस बनाने चला गया.
जब मैं हम दोनों के लिए जूस लेकर रूम में पहुंचा, तब तक वह आंखें खोल चुकी थी और नशीली आंखों से मुझे देख रही थी … लेकिन कुछ बोली नहीं.
फिर मैंने उसके हाथ और पैर खोल दिए.
वह उठी और उसने अपने कपड़े, अपने जिस्म से अलग कर दिए और नंगी ही उठ कर मुझे जोर से गले लगा कर होंठों पर किस करने लगी.
अब उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और जोर जोर से किस करने लगी, अपनी चूत को मेरे खड़े हुए लंड से रगड़ने लगी थी.
मुझे मज़ा तो आ रहा था लेकिन मैंने उसे थोड़ा रोक कर कहा- पहले जूस पी लेते हैं. फिर आगे का काम करते हैं.
वह बेमन से अलग हुई और बोली- जैसे तुमने मेरे मुँह से पानी पिया था, वैसे ही हम दोनों अब जूस भी पियेंगे.
मैं रेडी हो गया.
अब कभी वह मेरे मुँह से जूस पीती, तो कभी मैं उसके मुँह से.
थोड़ा जूस उसके स्तनों पर डाल कर भी चूसा. थोड़ा उसकी चूत में डाल कर पिया.
उसने कहा- तुमने मेरे जिस्म को तो निहार लिया, लेकिन अपना लंड नहीं दिखाया!
मैंने कहा- खुद ही देख लो.
उसने खुद मेरा कच्छा नीचे किया और मेरे लंड का सुपारा चूसने लगी.
मैं भी म्मम्म म्मम्म करता रहा.
मेरी भी सांस फूलने लगी थी.
वह जूस में मेरा लंड डुबो कर चूसने लगी थी.
करीब पंद्रह मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा.
मैंने कहा- मेरा रस निकलने वाला है!
उसने कहा- कोई बात नहीं, मैं उसे खाना चाहती हूँ.
मैं भी फारिग होकर थोड़ी देर लेट गया और वह मेरे बगल में आकर लेट गयी.
उसने कहा- सच में मज़ा आ गया. तुमने चेलेंज भी जीत लिया. मानना पड़ेगा बहुत धैर्य है तुम्हारे अन्दर! तुम जब जो बोलोगे, वह मैं करूंगी … चाहे कुछ भी हो.
मैं फिर से उसके जिस्म से खेलने लगा.
मैंने एक बार और उसे स्खलित कर दिया, लेकिन इस बार उसके हाथ पैर बंधे नहीं थे.
ऐसे करते करते दोपहर के 2 बज गए.
मैंने कहा- तुम्हें ऑफिस का काम भी तो करना था!
वह बोली- वह तो कभी भी कर सकती हूँ. काम करने के समय की कोई बंदिश नहीं है.
हम दोनों साथ में नहाए.
नहाते वक्त भी मैंने उसे बहुत किस किया, स्तनों को दबाया और चूत को चाटा.
हम दोनों नंगे ही घर में घूम रहे थे.
उसने खाने के लिए मैगी बनायी.
कभी मैं उसके मुँह से खाता, कभी उसके स्तनों पर डाल कर, कभी उसकी चूत में डाल कर.
वह भी मेरे लंड पर मैगी डाल कर खाने का मज़ा ले रही थी.
ऐसे करते करते हम दोनों फिर उत्तेजित हो गए.
अब मैंने उसे खाने वाली टेबल पर लेटाया और खुद खड़ा हो गया.
हम 69 पोजीशन में थे.
वह मेरा लंड चूसने लगी थी.
मैं उसकी चूत चाट रहा था, बीच बीच में उंगली भी डाल देता.
करीब 15 मिनट बाद हम दोनों स्खलित हो गए.
फिर मैं कपड़े डाल कर घर जाने को तैयार हो गया लेकिन वह बिना कपड़ों के ही रही.
जाने से पहले उसने मुझे कुछ रुपए देना चाहे.
मैंने मना कर दिया.
उसने कहा- अगर तुमने ये नहीं लिए तो दोबारा मत मिलना.
फिर मुझे लेने पड़े.
उसने कहा- मेरी दो सहेलियां भी हैं. मैं उनको भी तुम्हारे पास या तुमको ही उनके पास भेजूँगी.
मैं खुश हो गया.
हम दोनों ने अपना फ़ोन नंबर भी एक्सचेंज कर लिया.
उसने मुझे फिर से जोर से गले लगाया और कहा- मैं आज का दिन कभी नहीं भूलूंगी. बस आज जो भी हुआ वह किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
मैंने कहा- लेकिन आज यहां हुआ क्या था? मुझे नहीं पता!
वह बोली- समझदार हो.
फिर उसने मुझे किस किया मैंने उसके स्तन दबाए, चूत में उंगली की और चूत के होंठों को किस किया.
फिर उसके घर से निकल गया.
मुझे आशा है ये सच्ची घटना पढ़ने के बाद लड़कियों और लड़कों का पानी निकल गया होगा.
आप खुद को साफ़ करके कमेंट्स में बताएं कि ओरल सेक्स में और इन्जॉयमेंट कैसे किया जा सकता है.
अगली सेक्स कहानी में मैं बताऊंगा कि मैंने कैसे उसे चोदा और उसकी गांड मारी.
बाद में उसने अपनी सहेलियों से वीडियो चैट भी करवाई.
आपको यह अलोन भाभी वांट सेक्स कहानी कैसी लगी?
प्लीज मुझे मेल करें.
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