अन्तर्वासना हिंदी सेक्सी कहानियाँ मुझे बहुत पसंद हैं. तो मेरी कहानी में पढ़ें कि मैं कैसे अपने भाई के बॉस के बेडरूम में पहुँच गयी. मेरा इरादा उनके साथ थोड़ी देर सेक्स भरी मस्ती करने का था.
कहानी के पहले भाग
भाई के बॉस से नैन मटक्का
में आपने पढ़ा कि मेरे भाई की शादी में उनके ऑफिस बॉस आये थे. उनकी नजर मेरे सेक्सी बदन पर थी. मुझे भी मस्ती सूझी तो मैं उन्हें लाइन देने लगी.
अब आगे अन्तर्वासना हिंदी सेक्सी कहानियाँ:
हुआ यूं कि उसी रात में हम सब खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में चले गए।
वैसे तो रोज मैं अपनी मम्मी के साथ सोती थी लेकिन उस रात मेरी मम्मी मेरी मौसी के साथ सोने चली गई और मैं उस रात अकेली सोने वाली थी।
मैं कमरे में आई तो रात के 10 बज चुके थे।
मैंने कपड़े बदले और नाईट गाउन पहनकर टीवी देखने लगी।
कुछ ही देर में रेड्डी जी ने मैसेज किया और एक बार फिर से हम दोनों के बीच चैटिंग शुरू हो गई।
थोड़ी देर मोबाइल में चैटिंग होती रही उसके बाद हमने कॉल पर बात करनी शुरू कर दी।
बात करते हुए रात के 12 बज चुके थे।
अब तक तो हम दोनों के बीच नॉर्मल बात ही हो रही थी.
लेकिन दोस्तो, आप सब जानते हैं कि कोई लड़की और मर्द अगर रात 12 बजे बात करेंगे तो माहौल तो गर्म होना ही है.
फ़िर क्या था … रेड्डी जी ने भी धीरे धीरे मुझसे मेरे पति और शादी से पहले मेरे बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने लगे.
और ऐसे ही धीरे धीरे रेड्डी जी ने बात को सेक्स की तरफ मोड़ दिया और हम दोनों अब सेक्स पर बात करने लगे।
धीरे धीरे माहौल गर्म होने लगा और रात के एक बजे तक बात इतनी बढ़ गई कि रेड्डी जी मेरे बदन के बारे में सब कुछ जान चुके थे. मेरा फिगर क्या है, मुझे सेक्स में क्या पसंद है.
यही सब कुछ बात चल रही थी।
इतने देर से हम दोनों सेक्सी बातें करते हुए काफी हद तक गर्म हो चुके थे।
रात करीब डेढ़ बजे रेड्डी जी ने मुझसे कहा- क्या मैं तुमको चूम सकता हूँ?
मैंने कहा- उसके लिए तो हमको मिलना पड़ेगा; फोन पर तो मुमकिन नहीं है।
मेरी ऐसी बात सुनकर उन्हें जैसे मौका मिल गया था।
उन्होंने तुरंत कहा- क्यों नहीं, अभी मिल लेते हैं।
मैंने कहा- इतनी रात में अगर किसी ने हमको देख लिया तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी।
उन्होंने कहा- इतनी रात में कौन जाग रहा होगा. और पहले मैं बाहर चेक कर लेता हूं, उसके बाद बताता हूं।
तभी उन्होंने फोन काट दिया और कुछ समय बाद फोन करके कहा- बाहर कोई भी नहीं है. अगर तुम तैयार हो तो हम मिल सकते हैं।
मैंने कहा- ठीक है लेकिन मैं केवल 2 मिनट के लिए मिलूँगी और किस से ज्यादा कुछ भी नहीं।
उन्होंने कहा- ओ के, ठीक है।
मैं अपने कमरे से बाहर निकली और कमरे का लॉक बाहर से बंद करने के बाद उनके कमरे की तरफ चल दी।
होटल के सभी कमरे बंद थे और चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था।
मैं तेज कदमों के साथ आगे बढ़ रही थी और जल्द ही उनके कमरे तक पहुंच गई।
मैंने दरवाजे को अंदर धक्का दिया और अंदर चली गई।
रेड्डी जी ने तुरंत उठकर दरवाजा बंद कर दिया।
वे मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुराये और मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया।
तब वे मुझे बिस्तर की तरफ़ ले जाने लगे.
लेकिन मैंने कहा- मुझे जल्दी जाना है, आपने जिसकाम के लिए बुलाया है, वे यही कर लीजिए।
इतने देर से हम दोनों सेक्स की बात कर रहे थे इसलिए दोनों ही गर्म हो गए थे।
मतलब जिस्म की आग दोनों तरफ लगी हुई थी।
मैं उनके सामने खड़ी हुई थी, उनकी हाइट मुझसे काफी ज्यादा थी और मैं उसके सीने तक ही आ रही थी।
मेरे गाउन से मेरे तने हुए दूध मेरी तेज सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे।
रेड्डी जी काफी हट्टे कट्टे मर्द थे. उनकी हाइट लगभग 6 फीट के आसपास थी और उनका वजन कम से कम 85 से 90 किलो तो रहा ही होगा।
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और एक झटके में मुझे अपने सीने से लगा लिया।
मेरे तने हुए दूध सीधा उनके सीने के थोड़ा नीचे जाकर चपक गए।
उन्होंने मेरा चेहरा ऊपर उठाया और नीचे झुकते हुए उन्होंने अपने होठों को मेरे होंठों पर रख दिया।
वे एक हाथ से मेरे सर को थामे हुए थे और दूसरे हाथ से मेरी पीठ को सहलाते हुए मुझे अपने सीने से चिपका रहे थे।
बारी बारी से वे मेरे दोनों होठों को चूम रहे थे और बीच बीच में अपनी जीभ मेरी जीभ से लड़ा रहे थे।
हम दोनों उस वक्त मस्ती के साथ उस चुम्मन का मजा ले रहे थे।
उस वक्त मैं भी गर्म हो गई थी और उनका साथ दे रही थी।
मैं भी अपनी जीभ बाहर निकालकर उन्हें चूमने के लिए दे रही थी और वे भी मेरी जीभ को अपने मुँह में भर कर चूस रहे थे।
वे लगातार मेरी पीठ सहला रहे थे और धीरे धीरे उनका हाथ नीचे मेरी कमर तक चला गया।
कुछ ही पल में उनका हाथ मेरी चूतड़ पर चला गया और वे मेरी उभरी हुई चूतड़ को दबाते हुए सहलाने लगे।
जैसे ही उन्होंने मेरे चूतड़ पर हाथ चलाना शुरू किया, मैंने अपने जोश पर काबू पाया और उनसे अलग होने की कोशिश करने लगी।
मैं जानती थी कि अगर इनको यहीं नहीं रोका तो ये और आगे बढ़ जाएंगे।
उनसे अलग होने के लिए मैं जोर लगाने लगी.
लेकिन उन्होंने मुझे एक हाथ से कस लिया और लगातार मेरे होठ चूमते रहे और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ को सहलाते रहे.
कुछ देर बाद मैंने अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमा लिया जिससे मेरे होंठ आजाद हो गए।
मैंने उनसे कहा- बस बस हो गया. इतना काफी है. अब मुझे जाने दीजिए। किसी को पता चल गया तो बहुत बड़ी दिक्कत हो जाएगी।
लेकिन जैसे उनके ऊपर भूत सवार हो गया था, उन्होंने कहा- बस थोड़ी देर और रुको. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. बस 5 मिनट और चूमने दो अपने होंठ।
इतना कहते हुए उन्होंने एक बार फिर से मेरे होंठ अपने मुँह में ले लिए।
इस बार उन्होंने अपने एक हाथ से मेरी कमर को जकड़ लिया और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ सहलाने लगे।
कुछ देर में उन्होंने मेरे गाउन को एक झटके में मेरी कमर तक उठा लिया जिससे मेरे चूतड़ पीछे से नंगे हो गये और उन्होंने अपना एक हाथ मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया।
मैं छटपटाती रही लेकिन वे रुकने को तैयार नहीं थे।
वे अपने हाथ से मेरी गांड की गोलाइयों को मसलने लगे और फिर गांड की दरार में अपना हाथ डालकर मेरी चूत तक अपनी उंगली पहुंचा दी।
मेरी चूत उस वक्त पूरी तरह से पानी से भीगी हुई थी.
वे मेरी चूत को अपनी उंगलियों से मसलने लगे।
मैं कुछ समय तक विरोध करती रही; फिर मैंने भी सोच लिया कि अब जो होना है हो जाने दो.
और मैंने अपने आपको ढीला छोड़ दिया और अपने आपको उन्हें पूरी तरह से सौंप दिया।
वे भी अब समझ चुके थे कि मैं भी अब तैयार हूं इसलिए अब उन्होंने भी अपनी पकड़ ढीली कर दी और एक झटके में मेरे गाउन को निकाल दिया।
अब मैं ब्रा पेंटी में उनके सामने खड़ी हुई थी।
उन्होंने भी अपनी बनियान और लोवर निकाल दिए और केवल चड्डी पहने हुए मुझे देख रहे थे।
मेरा गोरा चमकता बदन देख उनके आंखों में अलग ही चमक दिखाई दे रही थी।
मैं एक हाथ से अपनी पेंटी और दूसरे हाथ से अपने दूध को ढकने की कोशिश कर रही थी।
वे मेरे सामने केवल चड्डी में खड़े थे और उनकी चड्डी के सामने उनके लंड का तंबू बना हुआ था।
चड्डी के अंदर से ही मैंने भाम्प लिया था कि उनका लंड काफी बड़ा और मोटा है।
जैसी उनकी हाइट और भरा हुआ शरीर था, वैसा ही उनका लंड भी कड़क और दमदार लग रहा था।
अब वे अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर ले गए और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया।
ब्रा का हुक खुलते ही मेरी ब्रा ढीली पड़ गई और उन्होंने मेरी ब्रा निकाल दिया।
मेरे दोनों दूध अब उनके सामने आजाद हो गए।
उन्होंने मेरे दोनों हाथ पकड़े और मेरे हाथ अपने कंधे पर रख दिये और मुझे अपने सीने पर लपेट लिया।
मेरे दोनों दूध उनके सीने पर दब गए और वे दोनों हाथों से मेरी पीठ को सहलाते हुए मेरे गालों को बुरी तरह से चूमने लगे।
मैं भी उनकी पीठ को सहलाने लगी और हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही प्यार करने लगे।
हम दोनों का नंगा बदन एक दूसरे के बदन पर फिसल रहा था और हम दोनों ही एक दूसरे को चूमे जा रहे थे।
अब नीचे झुकते हुए उन्होंने मेरे सीने पर चुम्बन की झड़ी लगा दी।
उन्होंने मेरे एक दूध के निप्पल को मुँह में भर लिया और बुरी तरह से चूसने लगे।
मेरे मुंह से आआह आआह ऊऊऊ ऊऊऊ की आवाज निकलने लगी।
हम दोनों ही उस वक्त बुरी तरह से उत्तेजित हो गए.
वे मेरे दोनों दूध को बुरी तरह से चूस रहे थे और मैं उनके सर को अपने दूध पर दबाने लगी।
नए मर्द के बदन में चिपकी हुई मैं काफी उतेजित हो गई थी, नए मर्द के सामने पहली बार नंगी होने का मजा वैसे ही होता है जैसे कि पहली बार चुदाई के दौरान होता है, वही शर्मीलापन और अपने गुप्तांगों को छुपाने की शर्म।
हम दोनों पलंग के पास खड़े हुए केवल चड्डी पहने हुए एक दूसरे के नंगे बदन से लिपटे हुए एक दूसरे को सहला और चूम रहे थे।
उनके दोनों हाथ मेरे बदन को सहला रहे थे, कभी पीठ, कभी कमर, कभी गांड तो कभी दूध को मुट्ठी में भर कर हल्के हाथों से मसल देते, कभी निप्पलों को उगली से दबाते तो कभी मुँह में निप्पल को भरकर चूस लेते।
फिर उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपने लंड के पास ले गए और लंड को पकड़ने का इशारा किया।
मैंने भी उनका साथ देते हुए उसके लंड को चड्डी के ऊपर से ही पकड़ लिया और आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगी।
उनके लंड को थामते ही मैं समझ गई थी कि इनका लंड आज मेरी हालत खराब कर देगा क्योंकि उनका लंड काफी मोटा होने के साथ साथ लंबाई में भी काफी अच्छा था।
कुछ समय बाद मैंने उनकी चड्डी को थोड़ा नीचे किया और उनका लंड बाहर निकाल लिया।
उस वक्त वे मेरे होठों को चूम रहे थे इसलिए मैंने उनके लंड को देखा तो नहीं था लेकिन लंड जिस तरह से खड़ा हुआ था और जितना गर्म था उसके कारण मेरी चूत की खुजली बढ़ गई।
मैं उनके लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी और उनका सुपारा बार बार बाहर निकलकर मेरी हथेली पर आ रहा था।
लंड से निकल रहा पानी मेरी हथेली को गीला कर चुका था और मैं उस गाढ़े पानी को लंड पर ही लगा कर लंड की मालिश करने लगी।
हम दोनों के बीच काफी समय तक ऐसे ही आलिंगन चलता रहा.
तब उन्होंने मेरी एक जांघ को पकड़ कर अपनी कमर तक उठा लिया और अपने हाथ से जांघ को सहलाते हुए हाथ को मेरी चड्डी के अंदर डालकर मेरे चूतड़ को दबाने लगे।
फिर उन्होंने मेरे दोनों हाथों को अपने गले में फंसाया और मेरी दूसरी जांघ को भी अपने कमर में फंसा लिया और मुझे बड़ी आसानी से गोद में उठा लिया।
वैसे ही गोद में लिए हुए उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गए।
मेरे ऊपर आने के बाद उन्होंने मेरे गालों और फ़िर दूध पर चुम्मन की झड़ी लगा दी।
साथ ही वे दोनों हाथों से मेरी दोनों जांघों को सहलाते रहे।
उन्होंने अपना लंड अपने चड्डी के अंदर कर लिया था और चड्डी के अंदर से ही मेरी चूत के ऊपर रगड़ रहा था।
उस वक्त हम दोनों मात्र चड्डी में ही थे और मेरी चड्डी के ऊपर से ही उनका लंड मेरी चूत के ऊपर रगड़ रहा था।
उन्होंने मेरे दोनों हाथों को मेरे सर की तरफ उठा दिया जिससे मेरे दोनों अंडरआर्म्स खुल गए।
तब उन्होंने मेरी बगलों पर अपनी जीभ चलानी शुरू की तो मेरे पूरे बदन पर सिहरन सी दौड़ गई।
मैं बिस्तर पर ही नागिन की तरह मचल रही थी।
उनके चूमने का स्टाइल मुझे बेहद पसंद आया।
मेरे जिस भी अंग को वे चूम रहे थे, मेरे अंदर वासना का तूफान खड़ा हो रहा था।
ऐसे ही चूमते हुए वे मेरी नाभि तक जा पहुंचे और अपनी जीभ से मेरी नाभि को बहुत ही प्यार से चूमने लगे।
फिर वे और नीचे की तरफ चले गए और मेरी चूत तक जा पहुँचे।
पहले तो उन्होंने चड्डी के ऊपर से ही मेरी चूत पर एक किस किया; उसके बाद मेरी एक जांघ को हाथ में उठाकर बड़े प्यार से चूमने लगे।
अपनी जीभ को मेरी गोरी जांघ पर चलाते हुए मेरी चूत के बिल्कुल बगल तक जाते।
ऐसे ही उन्होंने मेरी दोनों जांघों को बारी बारी से चूमा और फिर दोनों हाथों से मेरी चड्डी को पकड़कर नीचे करते हुए मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया।
मैंने शर्म के कारण अपने हाथों से अपनी चूत को छुपा लिया.
लेकिन रेड्डी जी ने मेरे हाथों को हटाते हुए मेरी चूत के पहले दर्शन किये।
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