“हां मे ठीक हू.” प्रियंका ने थोड़ी खुश्क आवाज़ मे कहा.
उसने अपनी ड्रेस उपर की जिससे उसकी नगन छातियाँ और जंघे ढक सके.
अंधेरे मे उसकी आँखे मोमबति और अपनी पॅंटी को खोज रही थी.
सबसे पहले उसकी हाथ मोमबति लगी और तभी उसने लाइटर जलने की आवाज़ सुनाई दी.
हल्की सी रोशनी मे उसे अपने भाई का सुन्दर चेहरा नज़र आया और वो उसके सामने खड़ा था. घबरा कर वो बेसमेंट के चारों तरफ देखने लगी. उसने भगवान का शुक्रिया किया वीरेंदर वहाँ पर नही था, शायद वो खिसक कर पिछले दरवाज़े से चला गया था. “क्या हुआ था तुम्हे और तुम यहाँ बेसमेंट मे क्या कर रही हो?” अनिश ने प्रियंका को घूरते हुए पूछा. “कुछ नही फिसल गयी थी और मेरे हाथ से मोमबत्ती छूट गयी.” पहले फिर उसने चारों तरफ देखा कि सही मे वीरेंदर वहाँ तो नही है फिर उसने अनिश को देखकर मुस्कुरा दिया. “और जहाँ तक तुम्हारे दूसरे सावल का जवाब ये ठीक रहेगा’ कहकर उसने अनिश का हाथ पकड़ अपनी छातियों पर रख दिया.
“ओह मेरी छोटी बहना, यहाँ मेरे पास आओ.” कहकर अनिश ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गया और उसे उसके कुल्हों को अपनी बाहों मे ले लिया. “कहीं तुम्हे चोट तो नही लगी?” अनिश उसकी कमर और कुल्हों पर हाथ फिराने लगा.“नही पहले तो चोट नही लगी थी पर लगता है कि अब मुझे दर्द हो रहा है.” कहकर प्रियंका ने मोमबत्ती फिर टेबल पर लगा दी.
अनिश हँसने लगा, “तुम चिंता मत करो में तुम्हारा सारा दर्द मिटा दूँगा. पहले मुझे दरवाज़ा तो बंद कर लेने दो कहीं कोई आ गया तो मुसीबत आ जाएगी.” प्रियंका की साँसे तेज हो गयी. उसने अनिश को सीढ़ियों की ओर जाते देखा फिर दरवाज़ा बंद करने की आवाज़ आई और अनिश नीचे आने लगा. इससे पहले कि अनिश प्रियंका के पास पहुँचता, प्रियंका ने अपने सारे कपड़े उत्तर दिए. जब तक वो हल्की रोशनी मे उसका चेहरा देखता वो बिल्कुल नंगी हो गयी थी. इस तरह उसे अपनी खोई हुई पॅंटी का जवाब नही देना पड़ेगा.
“सही मे तुम एक सेक्सी कुतिया हो?” कहकर अनिश ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होठों को चूसने लगा और अपनी ज़ुबान उसके मुँह मे डाल दी. जैसे उमीद थी प्रियंका उसकी ज़ुबान को चूसने लगी, अनिश के मुँह से सिगरेट की बदबू आ रही थी. उसके होठों और ज़ुबान को चूस्ते हुए अनिश उसके बदन को सहला रहा था और भींच रहा था, “प्रियंका में तुम्हे चोदना चाहता हूँ, मुझसे और रहा नही जाता..” अनिश ने अपनी शर्ट खोल दी और पॅंट के बटन खोल रहा था कि, “मुझे अपन लंड दिखाओ?’ प्रियंका बोल पड़ी. अनिश ने अपने कपड़े खोल उसे अपना लंड दिखाया. हर बार की तरह वो प्यार से उसके लंड को निहारने लगी. वो चुप चाप खड़ी उसके लंड को देखती रही जब तक कि वो नंगा नही हो गया.प्रियंका खड़ी हो गयी,
उसे अपनी उभरी और भरी हुई चुचियों पर काफ़ी घमंड था, उसे मालूम था कि उसका भाई उसकी चुचियों को भूकि निगाहों से घुरे जा रहा है, और साथ ही उसकी चूत को भी निहार रहा है. वो एक कदम आगे बढ़ कर उसे टेबल के सहारे खड़ा कर दिया. उसका गरम और तना हुआ लंड उसके पेट पर ठोकर मार रहा था. उसके लंड की दोनो गोलोइयाँ उसकी चूत को छू रही थी. अनिश ने उसे बाहों मे भर कर चूमने लगा. प्रियंका की भारी भारी चुचियाँ उसकी छाती मे धँस सी गयी थी. अनिश ने अपनी जीभ उसके मुँह मे डाल दी और प्रियंका ने महसूस किया कि अब वो उसकी छातियों को कस कस कर मसल रहा है.
प्रियंका से सहन नही हो रहा था, वो घूम कर टेबल पर झुक गयी. पहले वीरेंदर उसे पीछे से चोदना चाहता था और अब वो अनिश के लंड को अंदर चाहती थी, “अपना लंड मेरी चूत मे पीछे से डाल दो?” प्रियंका ने अनिश से कहा. अनिश ने आगे बढ़ कर अपना लंड उसकी चूत के दरार पर लगा दिया. प्रियंका ने अपने चुतताड पकड़ अपनी चूत को फैलाया और उसका लंड उसकी गीली हुई चूत मे घुसता चला गया. अनिश प्रियंका पर झुकते हुए उसकी चुचियों को ज़ोर से मसल्ने लगा साथ ही उसके निपल को भी भींच देता था, फिर उसने अपनी जीभ से उसकी कान की लौ पर फिराने लगा.
“आअहह” प्रियंका के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी. उसने अपनी टाँगे और फैला दी जिससे वो आराम से अनिश के धक्कों का साथ दे सके जिसकी वो आदि थी. उसने अपना हाथ नीचे की ओर किया और अनिश के लंड के दोनो गोलैईयों को पकड़ सहलाने लगी. अनिश के बदन का वजन उसे अपने शरीर पर भारी लग रहा था और साथ ही उसकी चुचियाँ टेबल पर धँसी जा रही थी, उसका ध्यान आगे पीछे होते हुए अनिश के धक्कों का साथ देने मे लगा हुआ था. प्रियंका जब आगे को होती तो अनिश अपना लंड बाहर खींच लेता पर सुपादे को अंदर रहने देता और जब वो पीछे को होती तो ज़ोर से अपना लंड पूरा अंदर तक पेल देता.
कहानी जारी है ….. आगे की कहानी part – 3