द अदर मैन सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक बार पराये पुरुष की चाह लग गयी तो लड़की अपनी तमन्ना पूरी करके ही छोड़ती है. शादीशुदा लड़की गैर मर्द के बड़े लंड से चुद गयी.
कहानी के पिछले भाग
परायी औरत से मस्ती के बाद बीवी की चुदाई
में आपने पढ़ा कि प्रेगनंट होने के लिए पत्नी गैर मर्द का साथ लेने को तैयार थी और पति भी परायी औरत का मजा लेना चाह रहा था. दोनों ने एक दूसरे को छूट भी दे दी थी.
अब आगे द अदर मैन सेक्स कहानी:
2 बजने से पहले ही मुकेश के पास फोन आ गया कि उसे सामने हॉल में मसाज रूम में सपना के पास पहुंचना है.
ऐसे ही भावना के लिए फोन था कि उसे 2 बजे तक अपने को फ्रेश रखकर तैयार रहना है.
मुकेश के जाते ही भावना ने कपड़े उतारे और भीनी भीनी खुशबूसे अपने को महकाया और एक टू पीस जालीदार नाईट ड्रेस डाली.
वह ‘बुल’ का इंतज़ार बड़ी बेसब्री से कर रही थी.
ठीक 2 बजे कोटेज के गेट पर नॉक हुई, बुल ही था.
वह मुस्कुराते हुए अंदर आया और भावना को एक गुलाब का फूल भेंट किया.
भावना ने उसे थैंक्स कहते हुए हग कर लिया.
बुल बहुत स्मार्ट लग रहा था.
भावना ने उससे पूछा कि वो क्या लेगा.
तो बुल ने खुद आगे बढ़ कर फ्रिज खोला और जूस की दो केन निकालीं, एक खोल कर भावना को दी, दूसरी खुद ली.
बुल ने मुस्कुराते हुए भावना से कहा कि वह सहज हो जाए.
उसने कहा- मैं तो आपका दोस्त हूँ. सच कहूं तो मैं कल ही आपको पसंद कर बैठा था और चाह रहा था कि एक बार मुझे आपका साथ मिले. और देखिये भगवान् ने मेरी सुन ली.
भावना उसकी बात ध्यान से सुन रही थी और उस पर बुल का नशा हावी हो रहा था.
बुल ने उसके हाथ अपने हाथों में लिए और उसकी खूबसूरत उँगलियों की तारीफ़ की.
भावना उसके और नजदीक आ गयी थी.
बुल ने उसके घुंघराले बालों में उंगलियाँ फिराते फिराते उसका माथा चूम लिया और उसके कानों में फुसफुसाते हुए बोला- आप सच्ची में बहुत खूबसूरत और सलीकेदार हैं.
भावना उसकी बाँहों में झूल गयी.
बुल ने उसे अपनी बलिष्ठ बाँहों में थाम लिया और अपने से चिपका लिया.
उसके जिस्म से भी डियो की महक आ रही थी.
बुल ने भावना की थोड़ी को ऊपर किया और उसकी आँखों में आँखें डालते हुए उसके होंठों पर चूम लिया.
भावना ने भी उसे वापिस चूमकर अपनी सहमति दी.
अब तो दोनों के होंठ ऐसे मिले, जिस्म भी ऐसे चिपटे जैसे कब के बिछड़े आशिक हों.
बुल ने भावना से पूछा- आपको मसाज करवानी है या …
भावना बोली- मैं अगले कुछ घंटों के लिए सिर्फ तुम्हारी हूँ, मुझे इन लम्हों को जीना है और तुम्हें गहराई तक अपने अंदर महसूस करना है. तो जैसा तुम चाहो!
बुल ने भावना को गोदी में उठा लिया.
भावना भी उसकी गर्दन में बाँहों का घेरा डालकर झूल गयी.
बुल उसे चूमता हुआ वाशरूम में ले गया. वाशरूम की उसने लाईट बंद कर दी तो वहां अन्धेरा सा हो गया, बहुत मद्धिम रोशनी बाहर से आ रही थी.
भावना को नीचे उतार कर बुल ने उसकी ड्रेस उतार दी और अपने कपड़े भी.
दोनों के नंगे जिस्म आपस में चिपट गए.
बुल ने अपनी बलिष्ठ बाँहों में भावना को घेर लिया और उसके मांसल मम्मों को चूमते हुए होंठों से होंठ भिड़ा दिए.
भावना की चूत में उसका मूसल जैसा लंड टक्कर दे रहा था.
और भावना उसका साइज़ देखकर रोमांचित थी.
बुल ने उसे चूमते हुए गोदी में दोबारा उठा लिया और शावर के नीचे खड़ा होकर शावर खोल दिया.
भावना के सुलगते जिस्म पर जब पानी की फुहारें पड़ीं तो वो बुल से और चिपट गयी.
बुल ने भावना को आहिस्ता से नीचे उतारा और उसके बदन पर जेल उड़ेल दिया.
फिर दोनों के जिस्म आपस में मसलने लगे.
जेल की चिकनाहट और पानी की फुहार उन्हें और नज़दीक ला रही थी.
बुल ने झुककर भावना की गोलाइयों को अपने होंठों से चूमते हुए उन पर जीभ फिराई.
भावना के निप्पल कड़क हो गए थे.
बुल ने एक हाथ नीचे कर के भावना के दाने को रगड़ दिया और आहिस्ता से एक उंगली उसकी फंकों के बीच अंदर घुसा दी.
भावना कस्मासाने लगी. वह उसे जोर जोर से चूम रही थी.
तब भावना ने भी एक हाथ से उसके लंड को कबजाया.
मुकेश से खासा बड़ा लंड था बुल का!
भावना उसे चूसना चाह रही थी तो वह नीचे झुकी और घुटनों के बल बैठकर उसका लंड मुंह में ले लिया.
भावना लंड चूसने में तो परफैक्ट थी ही, उसने जल्दी ही बुल की आहें निकाल दीं.
बुल ने अब उससे अपना लंड छुड़ाया और खुद नीचे बैठकर भावना की एक टांग अपने कंधे पर रखकर उसकी चूत खोल दी और अपनी जीभ घुसा दी उसके अंदर.
वह प्रोफेशनल था.
उसने भावना की अकुलाहट और चुदास भड़का दी.
अब भावना से रुका नहीं जा रहा था.
बुल ने भावना से पूछा कि क्या वह एक सेशन यहाँ शावर के नीचे करना चाहती है.
भावना को रोज़ी ने दिन में फोन करके बताया था कि भावना की सारी उम्मीदें सिर्फ बुल से ही होनी चाहियें, मुकेश से वह ज्यादा उम्मीद न करे. इसलिए बुल से उसे सेक्स सिर्फ बेड पर ही करना चाहिए ताकि उसका स्पर्म सीधा उसकी बच्चेदानी में पहुँच सके.
रोज़ी ने उससे यह वादा किया था कि अगर उसे बुल के साथ मज़ा आएगा तो वह अगली सुबह आधे घण्टे का एक सेशन बुल के साथी विशु से करवा देगी, जो उनकी कम्पनी का ही एक पेड एम्प्लौई है और उसका ट्रैक रिकॉर्ड भी बुल जैसा ही है.
भावना को रोज़ी ने ये सब इसलिए समझाया था कि भावना को आज रात को मुकेश के साथ सेक्स जरूर करना है और उसे यह अहसास कराना है कि आज की रात का सेक्स उसकी जिन्दगी का सबसे थ्रिलिंग सेक्स रहा और कल सुबह बुल या विशु के साथ सेक्स सेशन उसे मुकेश से छिप के करना पड़ेगा ताकि अगर वह गर्भवती हो जाती है तो मुकेश को यह विश्वास हो जाए कि शायद यह बच्चा उसी का है क्योंकि उसकी जानकारी में बाहर के मर्द यानि बुल से तो भावना ने केवल एक बार ही सेक्स किया है जबकि मुकेश रोज़ उसके साथ सेक्स कर रहा था.
तो भावना ने बुल को चूमते हुए कहा- नहीं, बेड पर चलो. अब रुका नहीं जा रहा.
बुल ने भावना को एक तौलिये में लपेट कर वापिस गोद में उठा लिया और बेड पर जाकर लिटा दिया.
भावना ने लिपटे लिपटे ही अपने को पौंछा और तौलिया बुल को दे दिया.
बुल ने भी उसी तौलिये से अपने को सुखाया.
तब तक भावना लेटी लेटी अपनी टाँगें चौड़ा कर अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
उसकी यह अदा बुल को भायी.
उसने भावना की टांगों को पकड़ कर हल्का सा चौड़ाया और झुककर अपना मुंह उनके बीच में कर दिया.
बुल की जीभ गहराई तक भावना की चूत में उतर रही थी.
भावना ने भी अपने दोनों हाथों से अपनी फांकों को जितना हो सकता था, चौड़ाया.
बुल भी कभी जीभ घुसाता, कभी उंगली.
उसने दस मिनट तक एक लम्बी चुसाई की.
भावना जोर जोर से आहें निकलने लगी.
वह तड़फ रही थी बुल के लंड को अपने अंदर महसूस करने के लिए.
पर उससे पहले वह उसे चूसना भी चाहती थी तो उसने बुल से कहा- 69 हो जाओ.
अब बुल नीचे लेट गया और भावना को अपने ऊपर लिटा लिया.
दोनों अपनी अपनी जीभों से एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट्स को चुभलाने लगे.
भावना ने तो इतना बड़ा लंड पहली बार मुंह में लिया था जो उसके हलक तक जा रहा था.
वह इसीलिए जल्दी जल्दी लंड को अंदर बाहर कर रही थी ताकि सांस भी ले सके.
बुल ने भी भावना की टांगें चौड़ा कर अपनी जीभ पूरी घुसा रखी थी अंदर.
भावना से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, वह बुल को अपने अंदर चाहती थी.
उसे अंदाजा था कि बुल चुदाई के दो सेशन करेगा तो उसने अपना मन बनाया था कि पहले राउंड में वह नीचे ही रहेगी और बुल को अपना पूरा माल अपनी चूत में छोड़ने देगी और फिर ऐसे ही लेटी रहेगी.
अभी तीन भी नहीं बजे थे. उनके पास अभी तीन घंटे बाकी थे.
भावना ऊपर से उतर और बुल की छाती पर लेट गयी और उसे जकड़ लिया.
दोनों के होंठ एक दूसरे में समा जाने को भिडे हुए थे.
भावना की चूत पर बुल का लंड ऐसी पकड़ बना कर बैठा था कि अगर भावना ज़रा सी टांग खोलती और बुल नीचे से धक्का लगाता तो वो सीधा अंदर घुस जाता.
उसके मम्मे बुल ने मसल मसला कर लाल कर दिए थे.
भावना ने अपने लम्बे नाखूनों से बुल की छाती पर घेरे बनाते हुए उससे फुसफुसाकर कहा- अब मैं तुम्हें अपने अंदर चाहती हूँ और चाहती हूँ कि मैं तुम्हारे बच्चे की मां बन जाऊं.
बुल ने कहा- मेडम, यह तो भगवान् के हाथ है, पर आप भी पूरे मन से मेरे साथ सेक्स कीजियेगा. मैं पूरी कोशिश करूँगा आपको चरमसुख देने की.
तब बुल भावना के होंठ से होंठ भिड़ाये हुए उसे आहिस्ता से बगल में पलटा, उसकी टांगें चौड़ाकर ऊपर आकर अपने लंड पर अपने साथ लायी एक क्रीम को लगाया और फिर लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रखकर अंदर धकेला.
अभी उसका लंड आधा ही अंदर जा पाया थी कि भावना की चीख निकल गयी.
वह कांपने लगी.
उससे इतना मोटा लंड बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
पर उसने बुल को जकड़ लिया और नीचे से ऊपर अपने को धकेला.
बुल ने अपना लंड उसकी पूरी गहराई तक उतार दिया.
भावना की आँखों के सामने चक्कर सा आ गया.
बुल के लिए यह कोई नयी बात नहीं थी, रोज़ की कहानी थी.
उसने भावना को बड़े प्यार से चूमते हुए अब धीरे धीरे चुदाई शुरू की.
जल्दी ही भावना को मज़ा आने लगा, वह उसे अब स्पीड बढ़ाने को उकसाने लगी.
बुल ने भी अब उसकी टांगों को ऊपर छत की ओर करके अपने को घुटनों पर साधा और स्पीड से चुदाई शुरू की.
भावना को ऐसा आनन्द मिल रहा था कि वह सातवें आसमान पर थी.
अब उसकी कसमसाहट गूँज रही थी. वह बिल्कुल बेशर्मी और बेहयाई से एक पराये मर्द से चुद रही थी और उसे तेज चुदाई करने के लिए उकसा रही थी.
भावना को लग रहा था कि अभी असली चुदाई की स्पीड तो आई नहीं है.
तो उसने बुल से कहा- मैं एक बार ऊपर आना चाहती हूँ.
बुल ने उसे जकड़े-जकड़े आहिस्ता से पलटी मारी और भावना को अपने ऊपर कर लिया.
भावना बुल के ऊपर बैठ गयी और अपने बाल बांधते हुए लगी उछलने.
बुल ने उसके मम्मे लपक लिए और लगा मसलने.
भावना बेकाबू होकर पागलों जैसी उछल रही थी उसके ऊपर.
आज वह शायद पहली बार अपनी बच्चेदानी पर किसी लंड की टक्कर को महसूस कर रही थी.
अब समय था फ़ाइनल खेलने का.
बुल ने क्रम न तोड़ते हुए एक झटके से भावना को नीचे पलटा और वापिस घुसेड़ दिया अपना मूसल उसकी चूत में पूरी गहराई तक.
अब धकापेल पूरी गति पर थी.
भावना के मुंह से झाग और थूक सा निकल रहा था.
वह बिल्कुल बेशर्मी से आवाजें निकाल कर बुल को उकसा रही थी और बुल भी पूरे उसी मूड में था कि आज तो इस मखमली चूत को फाड़ ही दिया जाए.
दोनों एक दूसरे से भिड़े पड़े थे.
भावना नीचे से उछल रही थी तो बुल ऊपर से पिले पड़ा था.
दोनों के जिस्मों में ऐसी कुश्ती हो रही थी कि अगर कोई बीच में आ जाता तो उसका कचूमर निकल जाता.
बुल ने भावना के मम्मे पूरी ताकत से दबोचे और एक झटके में अपना सारा माल भावना की चूत में निकाल दिया.
भावना चीख चीख कर बुल से कह रही थी- मज़ा आ गया मेरे राजा … आज तुमने मेरी चुदाई के अरमान सारे पूरे कर दिए.
दोनों एक दूसरे से चिपटे हुए पड़े थे.
बुल ने यह सोचकर कि उसका वज़न भावना पर पड़ रहा होगा, उसके ऊपर से हटना चाहा तो भावना ने उसे कस के भींच लिया और चिपटाए रखा अपने से!
बुल की पीठ पर भावना के लम्बे नाखूनों से लम्बी लम्बी लाइन पड गयी थीं.
थोड़ी देर बाद जब भावना की पकड़ ढीली हुई तो बुल साइड में होकर लेट गया.
दोनों थक गए थे.
तो भावना बोली- एक झपकी ले लेती हूँ.
बुल बोला- अगर आपको बुरा न लगे तो मैं एक सिगरेट पी लूं बाहर जाकर?
तो भावना बोली- बाहर क्यों जाते हो, यहीं पी लो.
भावना थक गयी थी तो उसे झपकी आ गयी.
बुल ने सिगरेट के साथ कॉफ़ी पी ली.
आधा घंटे बाद भावना की आँख खुली तो उसने मुस्कुराते हुए उँगलियों के इशारे से बुल को बेड पर बुलाया और उसे चूमकर बोली- सच बहुत मज़ा आया. मैं एक बार और करना चाहती हूँ. पर अभी नहीं रात को. तुम देखो कैसे मैनेज करोगे? न तो मुकेश को मालूम पड़ना चाहिए न रोज़ी को.
बुल बोला- अभी तो एक घंटा है हमारे पास … एक सेशन अभी कर लेते हैं.
भावना बोली- अभी तो तुम बस चिपटकर लेट जाओ मेरे साथ, चुदाई तो रात को ही करेंगे.
बुल बोला- रात को कैसे होगा?
तो भावना ने बड़ी अदा से बुल की नाक पकड़कर उसे हिलाते हुए कहा- डिनर के समय मैं वाशरूम का बहाना करके बाहर आऊंगी, तुम भी मेरे पीछे पीछे आ जाना, बाकी तुम प्लानिंग कर लेना कि कहाँ हमको दस मिनट मिल सकते हैं.
बुल हंसकर बोला- ठीक है, डाइनिंग हॉल के बगल में मेरा कोटेज है, वहीं करेंगे. पर मुकेश पूछेगा नहीं कि कहाँ लगा दी इतनी देर?
तो भावना बोली- वो मैं संभाल लूंगी.
भावना उससे चिपट कर लेट गयी.
उसके हाथों में बुल का लंड आ गया. वो तो पूरा तना हुआ था.
बुल भावना को देख कर मुस्कुराया.
अब बात भावना से भी बेकाबू हो गयी; उसकी चूत भी मचल गयी.
भावना ने तुरंत अपनी टांग बुल के ऊपर रख दी और अपने हाथ से बुल का लंड अपनी चूत में कर लिया.
बुल ने लेटे लेटे ही धक्के देने शुरू किये.
थोड़ी देर में ही माहौल बन गया.
अब बुल फिर से भावना के ऊपर चढ़ा हुआ उसकी चुदाई कर रहा था.
अबकी बार चुदाई में वो बेकरारी नहीं थी.
भावना भी थकी हुई थी.
बुल ने जल्दी ही दोबारा उसकी चूत को अपने माल से भर दिया और फिर वो वाशरूम में जाकर फ्रेश होकर कपड़े पहन कर भावना को चूम कर वापिस चला गया.
भावना उठी नहीं, उसने कोटेज का गेट खुला ही छोड़ दिया और नंगी ही सो गयी.
उसे सवा छह बजे करीब मुकेश ने आकर उठाया.
दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए.
मुकेश ने कहा- मैं चाय बनाता हूँ, तुम फ्रेश हो आओ.
कोटेज के बाहर बैठ कर चाय पीते समय मुकेश ने भावना की आँखों में झाँका मानो पूछ रहा हो, कैसा लगा.
भावना बोली- अमेजिंग!
तब भावना ने मुकेश से पूछा- तुम्हारा कैसा रहा?
तो मुकेश बोला- दोनों लड़कियों ने मौज तो पूरी दी, पर रोज़ी ने मुझे राय दी थी कि मैं आज अपना माल न निकालूँ, रात को तुम्हारे लिए रोककर रखूं. तो मैंने अपने को समझाया और तुम्हारी खातिर आज बिना माल निकाले आ गया.
भावना ने उठकर उसकी गोदी में बैठते हुए उसे चूम लिया और कहा- तुम सबसे अच्छे पति हो, चलो आज रात को धमाल करेंगे.
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